वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर बढऩे के खतरे को देखते हुए संत समाज के साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शिव भक्तों के साथ कांवड़ यात्रियों से बड़ी अपील की है। इन सभी ने एक स्वर से इस बार भी कांवड़ यात्रा शुरू नहीं करने का अनुरोध किया है। अखाड़ा परिषद ने इसके साथ-साथ ही कांवडिय़ों से घर पर रहकर ही प्रतीकात्मक रूप से परंपराओं के पालन की अपील की है।
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण प्रदेश के दो दर्जन से अधिक धार्मिक संगठनों ने इस बार सावन के महीने में कावड़ यात्रा न निकालने का फैसला किया है। इस बाबत इन सभी संगठनों ने वाराणसी के एडीसीपी विकास त्रिपाठी को एक पत्र भी सौंपा है। इन संगठनों ने इस बार तो प्रतीकात्मक कार्यक्रम करने की योजना बना ली है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, प्रयागराज के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने भी शनिवार को सुबह जारी पत्र में यह अपील की है।
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक परंपराओं के पालन की बात कही है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की आशंका हमें आगाह कर रही है कि हम अपने अपने घरों पर रह कर ही प्रतीकात्मक रूप से अपने धर्म का पालन करें। उन्होंने सभी कांवड़ यात्रियों और शिव भक्तों से अपने-अपने घरों में रहकर सीमित दायरे में रहकर मर्यादा और धार्मिक परंपराओं के पालन का अनुरोध किया है। कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कांवड़ संघों से अपील की है कि वह इस बार कांवड़ यात्रा पर नहीं निकालें। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि तथा महामंत्री हरि गिरि ने कहा कि कांवरिये सांकेतिक तौर पर यह आयोजन करेें। वह घर के आसपास शिवालयों में जलाभिषेक कर सकते हैं। तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए कांवड़ यात्रा स्थगित करना ही ठीक है। शिव भक्तों से मेरा निवेदन है कि आप अपने गांव के शिवालयों में गंगाजल का अभिषेक करें या फिर अपने घरों में शिवलिंग की स्थापना करके गंगाजल का अभिषेक करें।