desk : मेहनतकश के लिए अच्छी खबर है। अब पैसे के अभाव के कारण उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं छूटेगी। इसके लिए किसी के सामने हाथ भी नहीं फैलाना होगा। बल्कि योगी सरकार उनके साथ खड़ी होगी। स्नातक स्तर की सामान्य पढ़ाई से लेकर राजकीय कॉलेजों से इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई खर्च भी सरकार उठाएगी।
भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से
श्रम विभाग की ओर से हाल में मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के समक्ष दिए गए प्रजेंटेशन में 100 दिन से लेकर पांच साल के बीच किए जाने वाले कार्यों का खाका पेश किया था। इसमें निर्माण क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को स्नातक स्तर तक की शिक्षा मुफ्त दिए जाने की बात कही गई है। इस प्रस्ताव पर छह महीने में अमल किया जाना है। ऐसा होने पर इसका लाभ करीब डेढ़ करोड़ पंजीकृत श्रमिकों के परिवारों को मिल सकेगा। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पूर्व जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में इसका वादा किया था।
भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से
निर्माण क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए अभी भी सरकार मदद कर रही है। उन्हें साइकिल, छात्रवृत्ति के साथ ही फीस की प्रतिपूर्ति भी की जाती है। उसके लिए कई स्लैब बना रखे हैं। साधारण ग्रेजुएशन करने की दशा में 12 हजार तक और मेडिकल व इंजीनियरिंग में जरूरत के हिसाब से एक लाख तक दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो अब अलग-अलग स्लैबों को बढ़ाने की तैयारी है। यदि किसी कोर्स में एक लाख से अधिक फीस हुई तो उसकी वास्तविक प्रतिपूर्ति की जाएगी।