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अबBSP पंजाब में अपनाएगी यूपी का फार्मूला, 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बनाई  रणनीति

अबBSP पंजाब में अपनाएगी यूपी का फार्मूला, 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बनाई  रणनीति

बहुजन समाज पार्टी अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में अपना दम दिखाने की तैयारी में जुटी हुई है। इसके लिए पार्टी ने खास रणनीति बनाई है। पार्टी उत्तर प्रदेश के तर्ज पर यहां काम करेगी और सभी वर्गों को साथ लेकर अपना दायरा बढाएगी। इसी रणनीति के तहत अब तक दलित राजनीति में सक्रिय रहने वाली बसपा अब पंजाब में सर्वपार्टी सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सर्व धर्म की नीति अपनाने वाली बसपा पंजाब में भी इसी रास्ते पर आगे बढ़ेगी। इसे लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा को ब्राह्मण समाज से संपर्क बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

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पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जसबीर ¨सह गढ़ी ने कहा कि जो नीति उत्तर प्रदेश में अपनाई जा रही है वही पंजाब में भी लागू होगी। बसपा समाज के हरेक वर्ग को साथ में लेकर सर्व धर्म की बात करती है। अगर अभी की बात करें तो जनरल सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों की लिस्ट काफी लंबी है।कभी दलित राजनीति तक सीमित रहने वाली बसपा पिछले 20 साल से पंजाब की राजनीति में अपना दम नहीं दिखा पाई है। बसपा ने 1992 में नौ सीटें जीत कर सबको चौंका दिया था। उस समय शिरोमणि अकाली दल ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था और कांग्रेस ने सबसे अधिक 87 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।

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इसके बाद 1997 में बसपा फिर एक सीट पर सिमट गई। पिछले चार विधानसभा चुनाव में बसपा खाता भी नहीं खोल पाई। 20 वर्षों में पंजाब में बसपा की छवि वोट कटुआ के रूप में बनी रही, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर अकाली दल से समझौता होने के बाद पार्टी में एक बार फिर से नया उत्साह देखने को मिल रहा है।शिरोमणि अकाली दल के साथ हुए समझौते के बाद बसपा को 20 सीटें मिली हैं। इनमें जालंधर नार्थ, होशियारपुर, उड़मुड़, दसूहा, नवांशहर, लुधियाना (नार्थ), पठानकोट, सुजानपुर, श्री आनंदपुर साहिब, अमृतसर (नार्थ), अमृतसर (सेंट्रल) और एसएएस नगर (मोहाली) 12 जनरल सीटें भी शामिल हैं।

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