DESK. ‘जाको राखे साईंया मार सके ना कोय’. कुछ ऐसा ही चरितार्थ हुआ छत्तीसगढ़ में जहाँ जांजगीर चांपा में 105 घंटे से बोरवेल में फंसे राहुल को कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार देर रात बाहर निकाल लिया गया. पांच दिन से लगभग 300 लोगों की रेस्क्यू टीम राहुल को सुरक्षित निकालने में लगी रही. अंततः मंगलवार देर रात राहुल के सुरक्षित निकलते ही लोग हतप्रभ रह गए और रेस्क्यू दल के कार्यों की जमकर सराहना की.
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राहुल के साथ सब कुछ दैवीय घटनाक्रम की तरह हुआ. जांजगीर-चांपा जिले के पिरहिद गांव में बीते शुक्रवार की दोपहर अपने ही घर के बोरवेल में गिरे 11 साल के राहुल के सुरक्षित होने को लेकर लोगों के मन में कई प्रकार की आशंकाएं थी. लेकिन, आखिरकार 105 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया है.
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इतना ही नहीं राहुल जिस बोरवेल में फंसा था वहां मंगलवर शाम अचानक से एक सांप आ गया. इससे लोग भयभीत हो गए. लेकिन राहुल की जीवटता से वह खतरा भी टल गया. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्विट कर राहुल के सुरक्षित निकलने पर प्रसन्नता जाहिर की. उन्होंने लिखा, अंततः राहुल ने आंखे खोली. बचाव दल को देखकर राहुल ने प्रसन्नता जाहिर की और अपनी आंखें खोली है. इस ऑपरेशन में एक चौंका देने वाली घटना घटी, आज शाम उस बोरवेल में एक सांप आ गया था लेकिन राहुल की जीवटता से वह खतरा भी टल गया. वहीं कलेक्टर ने बताया कि राहुल के साथ 105 घंटे तक सांप और मेंढक सुरक्षा कवच बनकर उसके साथ खड़े रहा.
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65 फीट गहरे बोरवेल से निकाले जाने के बाद बच्चे की मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने जांच की और फिर उसे विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में एम्बुलेंस के जरिए बिलासपुर जिले के अपोलो अस्पताल भेजा गया. इसके लिए लगभग 100 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था.