desk : पीके ने कहा कि कई लोगों का मानना है कि बिहार में केवल जाति के आधार पर वोट मिलता है। मैं जाति नहीं बल्कि समाज के सभी लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहा हूं। मैं कोरोना के खत्म होने का इंतजार कर रहा था ताकि किसी नई योजना पर काम कर सकूं। अगर मैं कोरोना के दौरान यात्रा की शुरुआत करता तो लोग मुझपर सवाल खड़ा करते।
अगर राजनीतिक पार्टी का ऐलान हुआ तो वह प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी। वह उन लोगों की पार्टी होगी, जो बिहार में बदलाव, सुराज और नई सोच की बात का समर्थन करते हैं। अभी कोई पार्टी नहीं है और न ही कोई मंच। आप मुझे बिहार में एक पॉलिटिकल एक्टिविस्ट के तौर पर देख सकते हैं। मेरा नीतीश कुमार से कोई निजी मतभेद नहीं है। नीतीश कुमार दिल्ली आते हैं और लोग कहने लगते हैं कि मैं जदयू जॉइन करूंगा। लेकिन, यह खाली अफवाहे हैं।