desk : प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार आज लालू और नीतीश के 30 साल के राज के बाद भी बिहार देश का सबसे पिछड़ा और सबसे गरीब राज्य है। इस सच्चाई को कोई झुठला नहीं सकता है। स्वास्थ्य, शिक्षा समेत कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है। बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि आने वाले 10 से 15 सालों में अगर बिहार में बदलाव लाना है तो जिन रास्तों पर बिहार चल रहा है उससे नहीं पहुंच सकते हैं। इसके लिए नई सोच और नई कोशिशों की जरूरत है। कोई भी व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता है कि यह सोच और नई प्रयास की क्षमता किसी एक व्यक्ति के पास है। बिहार के हर नागरिक को आगे आने की जरूरत है तभी जाकर प्रदेश की स्थिति सुधरेगी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने पिछले दिनों समाज के हर तबके से बात की है। करीब 150 लोगों से मेरी चर्चा हुई। इनमें से ज्यादातर चाहते हैं कि बिहार में नई सोच और बदलाव आए। आने वाले 3-4 महीनों में बिहार के करीब 17 हजार लोगों से बातचीत करूंगा। सुराज और नई सोच के बारे में उनसे चर्चा होगी। चंपारण से 3 हजार किलोमीटर यात्रा करूंगा। अगर इस यात्रा में ज्यादातर लोगों ने सुराज और नई सोच की बात पर हामी भरी और लगा कि किसी पॉलिटिकल पार्टी के ऐलान की जरूरत है तो उसका ऐलान भी किया जाएगा।