DESK : बिहार की राजधानी पटना के प्रसिद्ध महावीर मन्दिर के इतिहास में पहली बार नैवेद्यम (विशेष प्रसाद) की बिक्री एक माह में एक लाख किलोग्राम को भी पार कर गई, वही दानपात्रों में भेंट की राशि भी डेढ़ गुनी दर्ज की गई है।
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महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मन्दिर के इतिहास में पहली बार नैवेद्यम की बिक्री प्रति माह एक लाख किलोग्राम से भी अधिक हुई है। अप्रैल में नैवेद्यम की बिक्री 1,18,946 (एक लाख अठारह हजार नौ सौ छियालीस) किलोग्राम और मई में 1,16,698 (एक लाख सोलह हजार छ: सौ अंठानवे) किलोग्राम हुई। जून में भी 15 दिनों में यह बिक्री 58,822 (अंठावन हजार आठ सौ बाईस) किलो हो चुकी है। इस हिसाब से जून में भी एक लाख किलो से अधिक की बिक्री अनुमानित है।
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आचार्य कुणाल के अनुसार, तिरुपति के बालाजी मन्दिर के बाद देश के किसी मन्दिर में लड्डू की सबसे अधिक बिक्री महावीर मन्दिर में होती है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार भेंट-पत्रों में डाली गई राशि में भी वृद्धि हुई है। पहले यह राशि एक लाख रुपए प्रतिदिन के हिसाब से आती थी लेकिन पिछले ढाई महीनों में यह राशि कुल 1,12,73,713 (एक करोड़ बारह लाख तिहतर हजार सात सौ तेरह) रुपया प्राप्त हुई है, जो प्रतिदिन के हिसाब से 1,48,338 (एक लाख अड़तालीस हजार तीन सौ अड़तीस) रुपया होता है।
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महावीर मंदिर न्यास के सचिव ने बताया कि महावीर मन्दिर अपनी आय का 4 प्रतिशत बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को देता है और इस बार उम्मीद है कि यदि कोरोना के कारण लॉकडाउन फिर से नहीं लगा और छात्रों का लंबा आंदोलन नहीं चला तो महावीर मन्दिर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को करीब एक करोड़ रुपया दे पाएगा।