कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और राज्य स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (T S Singh Deo) से मुलाकात की। छत्तीसगढ़ में जारी तनाव के समाधान को लेकर आज यह मुलाकात की गई। राहुल गांधी के आवास पर हुई इस मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया (P L Punia) और AICC जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल (K C Venugopal) भी मौजूद थे।
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सिंहदेव और बघेल के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई साल के फार्मूले को लेकर तनाव है। सिंहदेव का कहना है कि 2018 के चुनाव में जीत के समय ढाई-ढाई साल के फार्मूले का प्रस्ताव रखा गया था। दोनों ने कहा है कि वे पार्टी हाई कमान के फैसला मानेंगे। इस साल जून में छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार का ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। बैठक से पहले सिंहदेव ने कहा था, ‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी हमारे नेता हैं और वे जो कहेंगे वही हम मानेंगे।’ बघेल ने भी कहा था कि पार्टी के आलाकमान का जो फैसला होगा हम उसे ही मानेंगे। पंजाब और राजस्थान में भी कांग्रेस के सामने ऐसी ही मुश्किलें हैं।
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टीएस सिंह देव के समर्थकों ने मुख्यमंत्री के पद के ढाई साल का मुद्दा उठाया था। हालांकि कांग्रेस ने कभी छत्तीसगढ़ में इस ढाई साल के फार्मूले की बात नहीं की है लेकिन टीएस सिंह देव के समर्थकों का दावा है कि उन्हें अंतिम ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया था। बता दें कि दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद छत्तीसगढ़ में बघेल और राज्य के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे। राज्य में नई सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई वर्ष के फार्मूले को लेकर चर्चा की शुरुआत हो गई थी। 17 दिसंबर वर्ष 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ बघेल को दिलवाई गई वहीं सिंहदेव और साहू को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। राज्य में तब से चर्चा है कि बघेल और सिंहदेव के बीच ढाई-ढाई वर्ष मुख्यमंत्री पद के लिए सहमति बनी है।