लखीमपुर खीरी। जिले की तहसील मितौली क्षेत्र के गांव रामपुर बुजुर्ग में सरकार ने लाखों रुपयो खर्च कर गौशाला बनबाया था, जिससे गौवंशीय पशुओं को खाना व छाया मिल सके। लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों कि अनदेखी के चलते गौशाला में 170 पशु तो हैं पर उनके खाने और रहने की कोई समुचित वयवस्था नहीं की है। यहां तक कि हफ्तों से बीमार पड़े गौवंशीय पशुओं का उपचार भी नहीं हो पा रहा है।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने आवारा गौवंशीय पशुओं के लिए जगह-जगह गौ आश्रय बनाये थे, जिसमें पशुओं के लिए चारा, पानी व छाया की व्यवस्था की गई थी। पशुओं को किसी प्रकार की समस्याएं ना हो और आये दिन सड़कों पर बड़े वाहनों की चपेट में आकर घायल पशुओं की होने बाली मौतों में कमी आ सके। लेकिन सरकार की इस मंशा पर जिले के अधिकारी पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
आपको बताते चलें कि तहसील मितौली के गांव रायपुर बुजुर्ग में एक गौ आश्रय स्थल बनाया गया था, जिसमें वर्तमान समय में 170 गौवंशीय पशुओं को बांधा गया है। गांव के लोगों ने बताया कि इस समय गांव के गौ आश्रय के हालात ऐसे हैं कि यहां पर ना तो पशुओं के लिए चारा है और ना ही छाया है। कड़ी धूप में ही पशुओं को बांधा जा रहा है। वहीं, पिछले कुछ हफ्तों से बंधे कुछ पशु लगातार बीमार चल रहे हैं। जिनका उपचार भी नहीं हो पा रहा है। उपचार के अभाव में गौ आश्रय में कुछ पशु मरणासन्न स्थिति में पड़े हुए हैं। जिनकी देख भाल करने वाला भी कोई नहीं है।
रिपोर्ट- धीरज तिवारी