desk : लाउडस्पीकर पर अजान की इजाजत को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बदायूं के मौलवी की ओर दी गई याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि लाउडस्पीकर पर अजान पढ़ना मौलिक अधिकार नहीं है।
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बदायूं की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान की ओर से दायर याचिका को जस्टिस विवेक कुमार बिरला और जस्टिस विकास बधवार की बेंच ने खारिज कर दिया है। इरफान ने अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत मांगते हुए एसडीएम तेहसील बिसौली को आवेदन दिया था। एसडीएम की ओर से इसे खारिज करने के बाद इरफान ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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इरफान ने कोर्ट से मांग की थी कि सरकार और प्रशासन को मस्जिद में लाउडस्पीकर/माइक लगाने की इजाजत देने का निर्देश दिया जाए। उसने यह भी दलील दी कि एसडीएम का फैसला अवैध है और उसके मौलिक अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने इरफान की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि कानून तय हो चुका है कि मस्जिद पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने इरफान के तर्कों को अस्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।