उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के प्रयास में लगी समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव 2022 में नए मंत्र के साथ आगे बढ़ेगी। पार्टी ने पिछड़ों पर फोकस बढ़ाने के साथ चुनाव प्रबंधन के लिए नई रणनीति बना ली है।समाजवादी पार्टी अब तो ‘वोट भी बढ़ाएंगे-बूथ भी जिताएंगे’ मंत्र के साथ अब आगे बढ़ रही है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जिस तरह पिछड़ी व अति पिछड़ी जातियों में सेंधमारी की और गैर जाटव दलित वोटों को अपने साथ किया, उसी सफल फार्मूले को अब समाजवादी पार्टी भी अपनाने जा रही है। पिछड़ी व अति पिछड़ी जातियों को अपने साथ लाने की कोशिश में सपा जुट गई है। बूथ प्रबंधन के लिए भी सपा ‘हर बूथ पर यूथ’ अभियान चला रही है। इसके तहत प्रत्येक बूथ पर 20 यूथ तैनात हो रहे हैंसमाजवादी पार्टी की वर्ष 2012 के चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। उस समय पार्टी ने 401 सीटों पर चुनाव लड़कर 29.13 फीसद मतों के साथ 224 सीटें जीती थीं। 2017 का विधानसभा चुनाव अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लड़ा था। समाजवादी पार्टी ने उस समय 311 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे और उसे 28.32 फीसद मत मिले थे। यदि सीटों की बात की जाए तो समाजवादी पार्टी केवल 47 सीटें ही जीत पाई थी। यानी समाजवादी पार्टी के वोट तो 1.19 फीसद घटे, जबकि उसकी सीटें 177 कम हो गईं।
वर्ष 2014 के लोकसभा व 2017 के विधानसभा चुनाव में जो पिछड़ी जातियां भाजपा के साथ चली गई थीं, समाजवादी पार्टी अब उनमें सेंधमारी की कोशिश में जुट गई है। समाजवादी पार्टी ने उन जातियों पर फोकस बढ़ा दिया है, जो भाजपा से नाराज चल रही हैं। इनमें ब्राह्मण समाज भी शामिल है। पिछड़ी जातियों को जोडऩे के लिए समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ अलग-अलग जिलों में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन व चौपाल कर रहा है।समाजवादी पार्टी प्रत्येक बूथ पर नए मतदाता बनाने का अभियान भी चला रही है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि जितने नए मतदाता जोड़े जाएंगे, उसमें से ज्यादातर पार्टी को ही वोट देंगे। चुनाव में विपक्षी दल कोई गड़बड़ न कर सकें, इसके लिए प्रत्येक बूथ पर 20 युवाओं की मजबूत टीम भी बनाई जा रही है। पहले 11 सदस्यों की ही बूथ कमेटी होती थी।
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी प्रत्येक बूथ पर नए मतदाताओं को जोडऩे का काम कर रही है। पंचायत चुनाव में भाजपा ने किस तरह लोकतंत्र का मजाक उड़ाया, उसे सभी ने देखा है। इससे सतर्क होकर सपा प्रत्येक बूथ पर नौजवानों की मजबूत टीम बना रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि विधानसभा चुनाव में भाजपा लोकतंत्र के साथ धोखा न कर सके। समाजवादी पार्टी पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों को लेकर चलती है।