AARYAA NEWS : सरकारी स्कूलों में नया शैक्षिक सत्र 2022-23 पहली अप्रैल से आरंभ हो चुका है। सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे एक अप्रैल से ही अपनी-अपनी नयी कक्षाओं में अध्ययन करने आ रहे हैं, लेकिन न तो अबतक उन्हें किताब खरीदने के पैसे सरकार की ओर से दिए गए हैं और न ही किताबें पहुंची हैं।
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आलम यह है कि नये सत्र के पहले महीने का आधा समय बीत जाने के बावजूद फिलहाल किताब को लेकर शिक्षा महकमा में राज्य मुख्यालय से लेकर जिला तक कोई सुगबुगाहट नहीं आरंभ हुई है। ऐसे में इन डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चों को नयी कक्षा की पाठ्यपुस्तक के लिए अभी और इंतजार करना होगा। चार दिन पूर्व पीएबी की बैठक में केन्द्र सरकार ने बच्चों की किताब के लिए 520 करोड़ की स्वीकृति दे दी है लेकिन अभी यह राशि बच्चों तक पहुंचने में कई प्रक्रिया से गुजरेगी।
पिछले चार साल की रिपोर्ट यही कहानी कह रही है। की बिहार सरकार किताब के बदले पैसे की व्यवस्था इसलिए हुई क्योंकि किताब अप्रैल से आरंभ होने वाले सत्र में बच्चों को सितम्बर से नवम्बर माह तक मिल पाती थीं परंतु पैसे भेजने का आलम भी वैसा ही है। पिछले सत्र का पैसा बच्चों के खाते में अगस्त माह के आखिर में भेजा गया था.
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बिहार के स्कूलों में किताबे ना होने पर शिक्षा विभाग मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा, ‘नया सत्र आरंभ हो गया है। पैसे की कोई समस्या नहीं है। इसी माह प्रारंभिक स्कूलों में नामांकित सभी बच्चों को किताब के पैसे मिल जाएंगे।