DESK : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भंग हुई नगर निकायों में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के समान प्रशासक के बजाय भंग निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधियों की ‘परामर्श दात्री समिति’ का गठन किया जाए।
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भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि भंग हुई नगर निकायों में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के समान प्रशासक के बजाय भंग निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधियों की ‘परामर्श दात्री समिति’ का गठन किया जाए, जो चुनाव संपन्न होने तक निकाय के सभी कार्यों का निष्पादन कर सकें।
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मोदी ने कहा कि कोविड एवं कुछ अन्य कारणों से बिहार में वर्ष 2021 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय पर संपन्न नहीं हो सका था। उस समय राज्य सरकार ने बिहार पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश, 2021 द्वारा ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद के लिए ‘परामर्शी समिति’ का गठन किया था। इस समिति में मुखिया, प्रमुख, अध्यक्ष एवं उन निकायों के सदस्यगण पहले के समान चुनाव संपन्न होने तक कार्य करते रहे थे।
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भाजपा सांसद ने कहा कि पंचायत की तर्ज पर ही बिहार नगरपालिका अधिनियम की विभिन्न धाराओं में राज्य सरकार को अधिकार है कि यदि वह चाहे तो निकाय भंग होने के बाद चुनाव संपन्न होने तक भंग नगर निकाय के निर्वाचित जनप्रतिनिधि एवं सदस्यगण को नगर निकाय चलाने का अधिकार दे सकती है। उन्होंने कहा कि अगले तीन माह मानसून और फिर दशहरा, दिवाली, छठ के मद्देनजर नवंबर तक चुनाव कराना संभव नहीं दिखता है। इसलिए, बेहतर होगा कि चुनाव संपन्न होने तक ‘परामर्श समिति’ का गठन कर नगर निकायों का कार्य संपन्न कराया जाए।