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अंधी सरकार, बहरे अधिकरी जीवन दाता नाम से जाने वाले दलाल डाक्टर के काले कारनाम|

आज 16 वर्षीय विकलांग शिवम सिंह चंदेल शासकीय योजनाओं के लाभ पाने से है वंचित।

छत्तीसगढ़ की अंधी सरकार, बहरे अधिकरी जीवन दाता नाम से जाने वाले दलाल डाक्टर के काले कारनामों के चलते आज 16 वर्षीय विकलांग शिवम सिंह चंदेल शासकीय योजनाओं के लाभ पाने से है वंचित।जी हा जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोसा से सामने निकल के आया है जहा जांजगीर-चांपा जिले के एक डाक्टर ने 16 वर्षीय मासूम विकलांग शिवम चंदेल को बिना चेकअप किए ही 80% पागल घोषित कर दिया है जिसके चलते इस मासूम से लड़के को शासकीय योजना के तहत किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल पा रहा, यह बच्चा पढ़ने लिखने में बहुत ही माहिर हैं किसी व्यक्ति से आम व्यक्ति की तरह अच्छे से बात कर पाता है बस इसकी एक ही कमजोरी है यह विकलांग होने के कारण चल नहीं पाता जिसे जांजगीर-चांपा जिले के किसी एक डॉक्टर ने 80% पागल घोषित कर दिया जिसके चलते निस्सहाय विकलांग शिवम सिंह चंदेल शासकीय योजना के लाभ लेने के लिए दर-दर भटक रहा है।

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विकलांग मासूम सा लड़का शिवम सिंह चंदेल को पढ़ाई का बहुत शौक है जिससे वे दिन भर किताबों की दुनिया में डूबे रहते है और वे अपने उम्र के बच्चों से अधिक जानकार और समझदार भी हैं, शिवम सिंह चंदेल रोजाना स्कूल जाकर पढ़ना चाहता परंतु उसे शासकीय योजना के तहत विकलांग साइकल नहीं मिलने से शिवम सिंह चंदेल स्कूल नहीं जा पाता और अच्छी शिक्षा से हमेशा वंचित रहता है। जिसका कारण डॉक्टर के द्वारा फर्जी तरीके से शिवम सिंह के नाम 80% पागल सर्टिफिकेट बना कर देना है। जिसके चलते शिवम सिंह को स्कूल के टीचर द्वारा भी सही शिक्षा भी नहीं दी जाती और उसे बच्चे व शिक्षक भी पागलों की नजरों से देखते हैं जिससे शिवम सिह चंदेल काफी असंतुष्ट और दुखी नजर आ रहे हैं।

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एक तरफ वह 16 वर्षीय विकलांग मासूम सा लड़का अपनी कमियों को छुपा कर शासकीय योजनाओं के लाभ के अभाव में अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अपने व अपने बूढ़े मां बाप का सहारा बनना चाहता है तो दूसरी तरफ जांजगीर-चांपा जिले के अधिकारी दालाल अधिकारी इस मासूम की बातों को नजरअंदाज करते हुए आ रहे हैं जिसके चलते यह मासूम सा लड़का शासकीय योजनाओं के लाभ पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है तो वही उस मासूम से बच्चे के गरीब बूढ़े मां बाप की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वे लोग दाने दाने के लिए खाने का मोहताज बन चुके हैं वे हर रोज कमाते है और हर रोज खाते जिस दिन इस गरीब बूढ़े मां बाप की मजदूरी नहीं लगती उस दिन इनके बच्चे और वे खुद भूखे सोते हैं ऐसे गरीब परिवार को भी आज आजादी के 74 साल बाद भी सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

 एक तरफ तो भारत के प्रधानमंत्री ने चुनाव के समय गरीब आम जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान निर्माण कराने के बड़े-बड़े दावे किए थे, गरीबों को घर दिलाने का वादा किया था लेकिन आज उनके दावे जांजगीर-चांपा जिले के कोसा गांव में धरे के धरे नजर आ रहे हैं क्योंकि इस मासूम से छोटे बच्चे और उसके बूढ़े मां बाप ना तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ मिला है और ना ही इस विकलांग मासूम बच्चे को आने जाने के लिए किसी भी प्रकार का साधन दिया गया है उल्टा जांजगीर-चांपा जिले के दलाल अधिकारी इस मासूम से बच्चे को बिना किसी चेकअप किए 80% फर्जी तरीके से पागल घोषित कर दिया जिसके चलते मासूम विकलांग शिवम सिंह चंदेल का भविष्य आज डूबते हुए नजर आ रहा हैं साथ ही साथ उसके बूढ़े मां बाप की एक नई उम्मीद भी जांजगीर-चांपा जिले के लापरवाह अधिकारियों के चलते डूबते हुए नजर आ रहा है।
शिवम सिंह चंदेल व उसके बूढ़े मां बाप एवं बहन की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है जिसे देखकर लोगों की आंखों में पानी भर आते हैं जब लोग इनके परिवार के दयनीय स्थिति के बारे में सुनते हैं तो भारत का संविधान उनके नजरों में डगमगाता हुआ नजर आता है क्योंकि जांजगीर-चांपा जिले में ऐसे दलाल अधिकारी बैठे हैं जो ना तो भारत के संविधान को मानता है और ना ही उनके नियमों को, तभी तो आज 16 वर्ष बीतने को हैं एक मासूम से विकलांग लड़के को शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है जब इस मामले की खबर मीडिया को हुई तो मीडिया ने मासूम बच्चे शिवम सिंह चंदेल और उसके बूढ़े मां बाप से बात की तो मीडिया के सामने अपने बेटे की स्थिति और उसके साथ हुए प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के बातों को बताते हुए बूढ़े मां-बाप की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वे मीडिया के सामने अपने छोटे से मासूम बच्चे के सुनहरे भविष्य के लिए रोते हुए मीडिया के माध्यम से प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हैं।

अब देखना यह होगा कि खबर चलने के बाद जांजगीर-चांपा जिले के अधिकारी इस मासूम से बच्चे के विषय में क्या शुद्ध लेते हैं और ऐसे लापरवाह डॉक्टर के ऊपर किस प्रकार से अंकुश लगाते हुए क्या बड़ी कार्यवाही करते हैं और उस मासूम से लड़के शिवम सिंह चंदेल को शासकीय योजना का लाभ दिलाएंगे या फिर इन सभी बातों को नजरअंदाज करके शिवम सिंह चंदेल के बढ़ते हौसलें को जांजगीर-चांपा जिले के दलाल अधिकारी यूं ही गला घोट कर उस गरीब मासूम से बच्चे व उसके बूढ़े मां बाप को ऐसे ही मरने के लिए छोड़ देंगे सवाल तो एक छोटे से स्कूल के शिक्षक व अधिकरी से लेकर बड़े-बड़े नेताओं के ऊपर खड़े हो रहे हैं चाहे वह राज्य के कांग्रेस सरकार के नेता हो या फिर केंद्र पर बैठी भाजपा सरकार के नेता हो सवाल तो दोनों सरकारों के ऊपर खड़े हो रहे है और उंगली भी दोनों झूठे दावे करने वाले सरकारों के ऊपर भी उठाए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ स्टेट हेड पप्पू यादव की खास रिपोर्ट।

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