उत्तर प्रदेश

आपदा को अवसर बना रहे निजी चिकत्सालय, मनमाने दाम पर मिल रही हैं जीवन रक्षक दवाएं

निजी चिकित्सालय में सरकारी आदेशों का नहीं किया जा रहा है पालन, खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं सरकार के आदेशों की धज्जियां

गोरखपुर। एक तरफ जहां देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस अपना तांडव मचा रही है, वहीं दूसरी तरफ निजी अस्पताल भी इस आपदा को अवसर में बदलने की पूरी फिराक में है। निजी चिकित्सालय में सरकारी आदेशों का कोई पालन नहीं हो रहा है सरकारी आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।

कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज में मनमाने ढंग से वसूली आम बात हो गई है। यह और कहीं नहीं यह मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर की बात है जहां, प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को भर्ती को किया जा रहा है लेकिन, एक तरफ जहां कोरोना के मरीजों से 13000 रुपये प्रतिदिन चार्ज किया जा रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ मरीजों के तीमारदारों से बाहर से दवाएं मंगाई जा रही हैं और रेमडेसीविर इंजेक्शन भी बाहर से मंगाया जा रहा है।

प्राइवेट अस्पतालों के पास कोई व्यवस्था नहीं है एक इंजेक्शन 5000 रूपये का ब्लैक में लोग खरीद रहे हैं। तीमारदारों के लिए यह मजबूरी बन गई है कि वह अपने परिजनों की जान बचाने के लिए अस्पताल द्वारा डिमांड किए गए अनुचित रूपये के एवज में दवा खरीदें और अपने परिजनों की जान की हिफाजत करें। मोहद्दीपुर निवासी प्रीति अपने जीजा के इलाज के लिए छात्रसंघ चौराहे स्थित एक प्रतिष्ठित अस्पताल पहुंची।

उन्होंने बताया कि मेरे जीजा को कोविड हो गया है, यहां पर कोई भी व्यवस्था नहीं है, मैंने दो तीन बार एंबुलेंस को कॉल किया लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची उसके बाद मजबूरन मैं अपने साधन से निजी अस्पताल में आई हूं, यहां पर बेड खाली नहीं है तो मैंने इमरजेंसी में एडमिट कराया है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button