मध्य प्रदेश

एक साल से कोविड मरीजों को खाना खिला रहा दिव्यांग

19 साल के शिवाजी कोरोना की इस जंग में अहम भूमिका निभा रहे हैं

मध्यप्रदेश में लगातार कोरोना का कहर जारी है जो की चिंता का विषय है।लेकिन कहते है की अंधेरो तले एक आशा की उम्मीद जरुरी होती है।कुछ ऐसी ही कहानी है यहा है मरीजो की जिन्हे अपना कोई पास नही आता उनके पास एमपी के छतरपुर जिले के रहने वाले 19 साल के दिव्यांग शिवाजी जाते है। जो की कोराना काल में चर्चा का विषय बने हुए है।

बता दे कि 19 साल के शिवाजी कोरोना की इस जंग में अहम भुमिका निभा रहे है। जब सब घरों में कैद थे तब से लेकर अब तक पिछले एक साल से कोविड वार्ड में लोगों को खाना खिलाने का काम कर रहे है। शिवाजी ने बताया की ऐसा करने से उन्हे बहुत खुशी मिलती है। इस दिव्यांग बालक के हौंसले की लोग तारीफ भी कर रहे है। दिव्यांग शिवाजी को यह पता है की उसकी जरा सी चूक उसके लिए जानलेवा हो सकती है।लेकिन शिवाजी बिना ड़रे और सुरक्षा के साथ खुशी-खुशी इस काम को करता है।

मिली जानकारी के मुताबिक शिवाजी रोज दोपहर और शाम को कोविड वार्ड में खाना लेकर जाता है। शिवाजी का कहना है कि कोविड वार्ड में भर्ती मरीज मेरे परिवार की तरह है।और वहा पर जो मरीज भर्ती होते है वो भी शिवाजी को बहुत प्यार करते है उन लोगो का कहना है कि वह जब लोगों के लिए खाना या नाश्ता लेकर जाता है तो लोग खुशी से झुम उठते है। वार्ड में कई ऐसे लोग भी हैं जो अपने हाथ से खाना नहीं खा पाते है। वह कई बार अपने हाथों से मरीजों को खाना भी खिला देता है।शिवाजी परमार कहते है कि समर्पण क्लब के अलावा कई बार डॉक्टरों ने भी उन्हे ड्यूटी बदलने की सलाह दी, लेकिन वो तैयार नही होते।

शिवाजी कहते है किअगर बुरे दौर में हम किसी की मदद कर पाते है तो अच्छी बात है। मदद से बड़ी बात और कुछ नहीं हो सकती है। जानकारी के लिए आपको बता दे कि शिवाजी ज्यादा पढ़ा लिखा तो है नहीं लेकिन हौंसले बड़े है। वह केवल 9वीं कक्षा तक ही स्कूल गया है लेकिन एक बात वह भली भांति समझ गया है कि असली शिक्षा वही है जो बुरे वक्त में लोगों के काम आ सके। शिवाजी राजा परमार के उपर दरसल पांच साल पहले पेड़ गिर गया था जिससे की इस घटना में उसका हाथ टुट गया।और उसका दाहिना हाथ काम करना बंद कर दिया लेकिन उसके बाद भी शिवाजी के हौसले बुलंद हैं।लोगो की शिवाजी से कुछ सीख लेनी चाहिए

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button