कोरोना के कहर बरपा रखा है लेकिन आपको बता दे कि जिस तरह मामले बढ़ रहे है चिंता की बात नही है क्युकी अगर आप खुद बचाव करेंगे तो बचाव से आपको ही फायदा है। राहत की बात ये है कि 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हो चुका है। और लोगो को जागरुकता कार्यक्रम के तहत जागरुक किया जाा रहा है इसके लिए देश भर में वैक्सीनेशन केंद्र बनाए गए हैं।ताकि लोगों को आसानी से वैक्सीन की डोज दी जा सके।लेकिन गुगल ने अब एक नया पहल शुरु किया है। हर सवाल के आपको जबाव देने वाला गुगल अब मैप के जरिये किसी रास्ते में वैक्सीनेशन केंद्रों की जानकारी मिलेगी यानी कि आपके आस-पास वैक्सीनेशन कहां हो रहा, इसकी जानकारी आपको गूगल मैप्स देगा ।जिससे की मरीजों को आसानी हो।बताते चले कि भारत में इस समय रिकॉर्ड संख्या में हर दिन कोरोना केसेज मिल रहे हैं, इसके चलते लोगों में वैक्सीनेशन की मांग बढ़ गई है।जानकारी के लिए आपको बता दे की भारत में इस समय दो कोरोना वायरस वैक्सीन को भारतीय दवा नियामक से इमरजेंसी मंजूरी मिली है. इसमें पहला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का एस्ट्राजेनेका वैक्सीन है जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्रो़ड्यूस कर रही है और एक स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन है जिसे हैदरबाद स्थित भारत बॉयोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की निगाहबानी में तैयार किया है। बता दे कि गूगल मैप्स के यूजर्स द्वारा ऐप पर वैक्सीनेशन सेंटर्स सर्च करने पर सभी नजदीकी सेंटर्स उनकी स्क्रीन पर दिखाए देंगे। यह ऐप यूजर्स को इसकी भी जानकारी देगा कि सेंटर खुला है या नहीं.वैक्सीनेशन को लेकर गूगल हरसंभव करेगा सहयोग।गूगल हेल्थ के चीफ हेल्थ ऑफिसर करेन डिसाल्वो का कहना है कि गूगल मैप्स के नए फीचर से लोगों को अपने नजदीक में वैक्सीनेशन केंद्र को खोजना आसान हो जाएगा और ऐप के जरिए वे केंद्रों तक पहुंचकर वैक्सीन की डोज लगवा सकेंगे। डिसाल्वो ने कहा कि इसके जरिए न सिर्फ नजदीकी वैक्सीनेशन केंद्र की जानकारी मिलेगी बल्कि पड़ोस में किस केंद्र पर वैक्सीन उपलब्ध है, इसकी भी जानकारी मिलेगी और वैक्सीनेशन केंद्र कितनी दूरी पर है, यह जान सकेंगे।डिसाल्वो का कहना है कि गूगल और इसके अन्य एप्लीकेशंस सभी को वैक्सीनेशन जैसे अहम टास्क को पूरा करने में अपनी हर संभव जिम्मेदारी निभाएगा.