desk : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने मामले को वाराणसी जिला जज को ट्रांसफर कर दिया है, अब तक सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी इसकी सुनवाई कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए यह जिला जज वाराणसी को ट्रांसफर किया गया है. यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को ऑर्डर 7 रूल 11 मामले की सुनवाई 8 हफ्ते में पूरी करने का आदेश दिया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस पीएस नरसिम्ह की पीठ ने कहा कि वह वाराणसी दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) पर कोई आक्षेप नहीं लगा रही है, जो पहले से मुकदमे पर सुनवाई कर रहे थे.
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वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम एक संदेश देना चाहते हैं कि देश में एकता का माहौल बना रहना चाहिए. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बिना किसी समुदाय का नाम लिए कहा कि एक हीलिंग टच देने यानी मरहम रखने की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्रवाई पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट लीक होने पर चिंता जताई है.
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सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने आदेश में निचली अदालत के 16 मई के उस आदेश रद्द कर दिया, जिसमें मस्जिद के एक बड़े इलाके को सील करने का आदेश दिया था और सर्द 20 नमाजियों को नमाज पढ़ने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को उस आदेश पर रोक लगा दी थी और कहा था कि सिर्फ उस जगह को सुरक्षित किया जायेगा जहा शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है. साथ ही ये भी कहा था कि नमाजियों के मस्जिद में जाने या नमाज पढ़ने की कोई पाबंदी नहीं होगी. किसी भी तादाद में नमाजी मस्जिद में जायेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने आज आदेश दिया, ‘वाराणसी जिला जज इस बात पर सुनवाई करेंगे कि हिंदू पक्षकारों की याचिका सुनने लायक है या नहीं. उसे स्वीकार किया जाना चाहिए या नहीं.