धान खरीद की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के लिए राहत भरा फैसला किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि किसानों से धान खरीद की सीमा खत्म कर दी जाए। खरीद में कोई परेशानी न हो, इसके लिए प्रदेश के सभी 4500 केंद्र एक सप्ताह में शुरू कर दिए जाएं। प्रशिक्षित कर्मियों को लगाया जाए। यही नहीं, जिला स्तर पर जिलाधिकारी, मंडल में मंडलायुक्त और शासन स्तर पर मुख्य सचिव प्रतिदिन खरीद और भुगतान की समीक्षा कर मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट देंगे।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर समीक्षा बैठक में कहा कि पिछले वर्ष जहां-जहां धान खरीद केंद्र बनाए गए थे, उन्हें इस वर्ष भी चालू कर दिया जाए। खरीद की सीमा खत्म करते हुए किसानों को उनसे की गई धान खरीद की जानकारी एसएमएस के माध्यम से दी जाए। गुणवत्ता के बारे में बताएं, साथ ही नमी की समस्या को दूर करने से संबंधित उपकरण भी सभी क्रय केंद्रों पर उपलब्ध रहने चाहिए। बटाईदार किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान करने पर भी जोर दिया। जिलाधिकारी, मंडलायुक्त और मुख्य सचिव के अतिरिक्त खाद्य आयुक्त और प्रमुख सचिव खाद्य को भी अपने-अपने स्तर से धान खरीद और भुगतान की निगरानी करने के लिए कहा है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि केंद्रों पर किसानों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। यदि उन्हें कोई समस्या हो तो उसका तुरंत निस्तारण किया जाए। किसान संगठनों से भी बात की जाए। प्रत्येक जरूरतमंद किसान के धान की खरीद हर हाल में होनी चाहिए। इसके लिए बोरों की पर्याप्त संख्या रहे। सीएम ने कृषि एवं राजस्व विभाग को आपस में समन्वय बनाते हुए अतिवृष्टि से प्रभावित धान किसानों को जल्द मुआवजा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। प्रदेश में डीएपी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। प्रमुख सचिव खाद्य वीणा कुमारी मीना ने बताया कि अब तक लगभग 4,000 धान क्रय केंद्र खोले जा चुके हैं। बचे हुए केंद्र जल्द ही स्थापित किए जाएंगे। इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव वित्त एस. राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी और अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल सहित भी उपस्थित थे।