उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कुनबा बढ़ाओ अभियान में लगी समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की मौजूदगी में कांग्रेस के नेताओं के साथ अन्य पार्टी के नेता भी समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेन्द्र मलिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े नेता है। वह आज पुत्र शामली से पूर्व विधायक पंकज मलिक के साथ अखिलेश यादव के समक्ष समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इनके साथ ही श्रावस्ती से बहुजन समाज पार्टी से विधायक रहे रामसागर अकेला को भी अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इन सभी को पार्टी दफ्तर पर सदस्यता ग्रहण कराई। इस अवसर पर अखिलेश यादव ने कहा कि सपा में शामिल सभी लोगों का स्वागत है।
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किसान उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से परेशान है। किसान अपनी मेहनत की फसल जलाने को मजबूर है मुजफ्फरनगर के काजीखेड़ा के रहने वाले पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेन्द्र मलिक ने 1976-77 में डीएवी कॉलेज से छात्र राजनीति शुरू की। इसके बाद 1978 में संजय गांधी और इंदिरा गांधी के साथ आंदोलन में शामिल होकर जेल गए। वह 1982 में बीडीसी बने और 1985 में खतौली विधानसभा सीट से चुनाव जीते। इसके बाद तीन बार तक बघरा विधानसभा सीट से विधायक रहे । वह 1996 में विधानसभा और 2002 में समाजवादी पार्टी से लोकसभा का चुनाव हारे। 2002 में हरेन्द्र मलिक इनेलो में शामिल होकर उसके कोटे से राज्यसभा पहुंच गए। 2004 में कांग्रेस में शामिल होकर बेटे पंकज मलिक को बघरा से उप चुनाव लड़वाया। 2012 के विधानसभा चुनाव में पंकज मलिक शामली विधानसभा सीट से कांग्रेस से विधायक रहे।