DESK : अवैध बालू खनन कराकर अपनी तिजोरी भरने वाले अफसरों पर सरकार की कार्रवाई जारी है। आर्थिक अपराध इकाई को भ्रष्ट अफसरों को चिन्हित कर एक्शन लेने का जिम्मा दिया गया है। ईओयू ने अब तक तत्कालीन आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज कर छापेमारी कर चुकी है।
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आपको बता दें, 2021 में जब बालू खनन में संलिप्तता के आरोप में अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू हुई थी ठीक उसी समय उनका स्थानांतरण मुजफ्फरपुर किया गया था। वहां वे कुछ समय तक पदस्थापित रहे। इसके बाद उन्होंने अपनी सेवा को परिवहन विभाग से हटवा लिया और फिर दूसरे जिले यानी पटना से सटे बालू वाले जिले में जिम्मेदार पद पर करा लिया। बताया जाता है.
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जानकारी के अनुसार अधिकारी पड़ोसी राज्य के रहने वाले हैं। कहा तो यह भी जाता है कि सोन नदी के मंथन से जो प्राप्ति हुई उस फल को प्रशासनिक अफसर ने पड़ोसी राज्य में इन्वेस्ट किया है।