बाढ़ से बेहाल : जलमग्न राज्य असम में 30 लाख से ज्यादा लोगो प्रभावित…वायु सेना बनी देवदूत

DESK. बाढ़ की विभीषिका से जूझते असम में भारतीय वायु सेना देवदूत बनकर प्रभावितों को राहत सामग्री पहुंचा रही है. IAF ने असम और मेघालय में बाढ़ राहत अभियान जारी रखा है. IAF ने C-130, An-32, Mi 17V5, Mi 171V, Mi17s और ALH हैलीकॉप्टर का बड़े पैमाने पर उपयोग किया है. वायुसेना के मुताबित शनिवार को चौथा दिन राहत अभियान चलाया गया. IAF ने 65 से अधिक HADR मिशन उड़ाए है. शनिवार तक 140 टन राहत सामग्री गिराई गई है.

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वहीं असम में शनिवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही और इसके चलते मृतकों की संख्या बढ़कर 118 हो गई. कछार जिले का सिलचर शहर छठे दिन भी जलमग्न रहा. अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण दस लोगों की मौत हुई है जिनमें बारपेटा, धुबरी, करीमगंज और उदलगुरी जिलों के दो-दो व्यक्तियों और कछार तथा मोरीगांव के एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है.

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असम राज्य प्रबंधन आपदा प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, 28 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या अब घटकर 33.03 लाख रह गई है, जबकि कल 30 जिलों में यह आंकड़ा 45.34 लाख था. अधिकारियों ने कहा कि कुछ जिलों में स्थिति में मामूली सुधार हुआ है. नदियों का जल स्तर कुछ हद तक कम हुआ है.

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हालांकि, धुबरी में ब्रह्मपुत्र और नगांव में कोपिली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि कछार जिला प्रशासन बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने को प्राथमिकता देने के साथ सिलचर में बचाव अभियान चला रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से भोजन के पैकेट, पीने के पानी की बोतलें और अन्य जरूरी चीजें शहर में वितरित की जा रही हैं तथा यह कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक कि स्थिति में सुधार नहीं हो जाता.

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बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ बाढ़ की स्थिति पर निगरानी रखने के लिए सिलचर में दो ड्रोन भी तैनात किए गए हैं. सिलचर में ईटानगर और भुवनेश्वर से पहुंचे 207 कर्मियों के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के आठ दलों तथा 120 कर्मियों वाली एक सैन्य इकाई तथा दीमापुर से लाई गईं नौ नौकाओं को तैनात किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि सिलचर में लगभग तीन लाख लोग भोजन, स्वच्छ पेयजल और दवाओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं. एएसडीएमए बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिला बारपेटा है, जहां 8,76,842 लोग परेशानी में हैं.

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