DESK : सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना से जुड़े मामले में देश के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को लेकर कड़ा रूख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े माल्या को 4 महीने की सजा सुनाई है. कोर्ट ने विजय माल्या से विदेश में ट्रांसफर किए गए 40 मिलियन डॉलर 4 हफ्ते में चुकाने के लिए है. साथ ही कोर्ट ने माल्या पर 2000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न चुकाने पर 2 महीने की अतिरिक्त सजा देने का निर्णय भी लिया हैं.
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केंद्र ने मांग की थी अधिकतम सजा की : केंद्र सरकार ने माल्या को अधिकतम सजा दिए जाने की मांग की थी. केंद्र का कहना है कि माल्या ने न सिर्फ विदेशी खातों में पैसे ट्रांसफर करने को लेकर कोर्ट को गलत जानकारी दी, बल्कि पिछले 5 साल से कोर्ट में पेश न होकर अवमानना को और आगे बढ़ाया है. माल्या को 2017 में ही सुप्रीम कोर्ट ने अपनी अवमानना का दोषी करार दिया था. 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टालते हुए माल्या को पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया था. कोर्ट ने कहा था कि अगर अगली सुनवाई में दोषी खुद पेश नहीं होता या अपने वकील के जरिए पक्ष नहीं रखता है, तो भी सजा को लेकर कार्रवाई नहीं रोकी जाएगी.
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2017 से फ़रार है विजय माल्या: बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगा कर फरार हुआ भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2017 को अवमानना का दोषी ठहराया था. उसे डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के विदेशी एकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए अवमानना का दोषी करार दिया गया था. उसकी पुनर्विचार याचिका भी खारिज की जा चुकी थी. सजा पर चर्चा के लिए दोषी का पेश होना कानूनी जरूरत है, लेकिन माल्या कई बार मौका मिलने के बावजूद पेश नहीं हुआ था.