DESK. भारत और वियतनाम ने 2030 तक रक्षा संबंधों के ‘दायरे’ को और व्यापक बनाने के लिए एक ‘विज़न’ दस्तावेज़ और दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के प्रतिष्ठानों का इस्तेमाल करने की अनुमति देने के वास्ते ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट’ (समान और सेवाओं की आवाजाही को साझा समर्थन देना) समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह पहला ऐसा बड़ा समझौता है, जो वियतनाम ने किसी देश के साथ किया है। इस समझौते से दोनों देशों की सेना एक-दूसरे के प्रतिष्ठानों का इस्तेमाल मरम्मत कार्य के लिए तथा आपूर्ति संबंधी कार्य के लिए कर पाएगी.
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘दोनों देशों के रक्षा बलों के बीच सहयोग बढ़ाने के क्रम में, यह परस्पर लाभकारी लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और यह पहला ऐसा बड़ा समझौता है, जिस पर वियतनाम ने किसी देश के साथ हस्ताक्षर किए हैं।’ सिंह तीन दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को वियतनाम पहुंचे थे। सिंह ने गियांग से मुलाकात के बाद ट्वीट किया, ‘वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ मुलाकात बेहतरीन रही।
उन्होंने कहा, हमने द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार पर बातचीत दोबारा शुरू की। हमारे बीच घनिष्ठ रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।’ अधिकारियों ने बताया कि 2030 तक विविध क्षेत्रों में रक्षा संबंधों के महत्वपूर्ण विस्तार के लिए साझा दृष्टिकोण दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए। सिंह ने कहा,‘‘ हमने द्विपक्षीय रक्षा संबंधो, क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर प्रभावी एवं व्यावहारिक पहलों पर व्यापक चर्चा की।’
उन्होंने कहा, ‘‘ गहन विचार-विमर्श के बाद, हमने ‘ ज्वाइंट विज़न स्टेटमेंट ऑन इंडिया-वियतनाम डिफेंस पार्टनरशिप टुवर्ड्स 2030′ (वर्ष 2030 को लक्षित भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त दृष्टिकोण) पर हस्ताक्षर किए, जो हमारे रक्षा सहयोग के दायरे को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।’