तीन दिन के दौरे पर शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की सुबह गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में अपने गुरुजनों की पूरे विधि-विधान से पूजा की और उनका आशीर्वाद लिया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री मंदिर परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के दरबार में भी गए और उनकी आराधना की।
पूजा के क्रम में मुख्यमंत्री ने सबसे पहले नाथ पंथ के आदि गुरु बाबा गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। बाबा को परंपरागत महारोट का प्रसाद चढ़ाकर उन्होंने पूरे वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनकी पूजा की। उसके बाद वह परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के पास पहुंचे और उन्हें पूजा। अंत में वह बारी-बारी से बाबा गंभीरनाथ, ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर गए और उनकी पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। पूजा-अर्चना की आनुष्ठानिक प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद मुख्यमंत्री की अगुवाई में गुरु पूर्णिमा पर होने वाली परंपरागत महाआरती का आयोजन किया गया और सभी गुरुओं के प्रति आस्था निवेदित की गई।
गुरु पूजा के बाद मुख्यमंत्री योगी बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर अपने शिष्यों को आशीर्वाद देंगे। यह आयोजन मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में होगा। इस आयोजन में शिष्यों को योगी आदित्यनाथ का आशीर्वचन भी सुनने को मिलेगा। इस दौरान भजन-कीर्तन का आयोजन भी है। इस कार्यक्रम में लोकगायक राकेश श्रीवास्तव गुरु महिमा वाले भक्ति गीतों का गायन करेंगे। अंत में भंडारे का आयोजन किया गया है, जिसमें मौजूद सभी लोग मंदिर का प्रसाद ग्रहण करेंगे। पूरे आयोजन के दौरान कोविड प्रोटोकाल के पालन को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।गुरु पूर्णिमा के दिन भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने राजनीतिक दायित्व को नहीं भूले। उन्होंने गुरु का दर्शन के बाद के मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में हमेशा की तरह जनता दर्शन भी किया और दूर-दराज से न्याय की आस लेकर आए करीब 150 फरियादियों की समस्याएं सुनीं। सभी फरियादियों को उन्होंने समस्या समाधान के लिए आश्वस्त किया।