उत्तर प्रदेश

मुरादाबाद : पीतल फैक्ट्रियों को ऑक्सीजन गैस मिलने के बाद खाली बैठे कामगरों के चेहरे पर आई मुस्कान

काम मिलने से काफी खुश नजर आ रहे हैं एक महीने से ज्यादा समय से खाली बैठे मजदूर

मुरादाबाद। 32 दिन बाद मुरादाबाद की पीतल फैक्ट्रियों को ऑक्सीजन गैस मिलने के बाद खाली बैठे कामगारों के चेहरे पर खुशी छा गई है। 1 महीने से ज्यादा समय से खाली बैठे पीतल मज़दूर आप काम मिलने से खुश नजर आ रहे हैं।  उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में पीतल नगरी के नाम से मशहूर मुरादाबाद में भी कोरोना पॉज़िटिव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ गई थी, जिसके बाद मुरादाबाद के सभी कोविड-19 व नॉन कोविड असप्तालों के सभी बेड फुल हो गए थे। कोरोना पॉज़िटिव मरीजों की जान बचाने के लिए जरूरी ऑक्सीजन गैस की मांग बढ़ने के बाद मुरादाबाद ज़िला प्रशासन ने ऑक्ससीजन गैस की सप्लाई का नियंत्रण अपने हाथ मे ले लिया था, जिसके बाद पीतल फैक्टियों को ऑक्सीजन गैस न मिलने से काम लगभग बंद हो गया था, अब गैस मिलने से काम पटरी पर लौटने लगा है।

बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में मुरादाबाद में भी कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की रिकॉर्ड संख्या मिलने के बाद असप्तालों में ऑक्सीजन गैस की मांग बढ़ गई थी।  मांग बढ़ने के बाद मुरादाबाद ज़िला प्रशासन ने ऑक्सीजन गैस के वितरण को अपने नियंत्रण में ले लिया था। ऑक्सीजन गैस न मिलने से पूरी दुनिया में हर साल 8 हज़ार करोड़ रुपये का सजावटी सामान का निर्यात करने वाला पीतल नगरी का कारोबार ऑक्सीजन गैस न होने के कारण से ठप हो गया था।  मुरादाबाद में पीतल के साथ ही अन्य धातु के बने उत्पाद को बनाने में ऑक्सीजन गैस को एलपीजी या अन्य गैस के साथ मिलाकर वेल्डिंग का कार्य किया जाता है, ऑक्सीजन गैस न होने के कारण से सजावटी उत्पाद बनाने के कार्य बंद हो गए थे। ऑक्सीजन गैस न मिलने से इस कारोबार से जुड़े कामगार भी खाली हो गए थे।  अब जैसे-जैसे मुख्यमंत्री का ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट का फार्मूला पूरे प्रदेश के साथ ही मुरादाबाद में भी अमल में लाया गया, ट्रिपल T फॉर्मूला अपनाने के बाद कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या कम होती गई और ऑक्सीजन गैस की मांग भी अब ना के बराबर रह गई है। जिसके बाद मुरादाबाद के जिला प्रशासन ने पीतल उद्योग के साथ ही छोटे कारखानेदारों को 30% ऑक्सीजन गैस प्रतिदिन देने का आदेश जारी किया है।  इसके बाद आज मुरादाबाद में पीतल कारखानों में ऑक्सीजन गैस मिलने के बाद 32 दिन बाद काम शुरू हुआ है। गैस मिलने के बाद काम कर रहे कामगारों के चेहरे पर खुशी आ गई है और उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ही कोरोना पॉजिटिव मरीज की संख्या जीरो हो जाएगी और उन्हें पहले की तरह ऑक्सीजन गैस मिलने लगेगी।

पहले वह हफ्ते में 8 दिन काम करते थे लेकिन अब 30% ऑक्सीजन गैस मिलने से वह हफ्ते में 3 दिन ही काम कर पाएंगे, लेकिन खाली होने से यह बेहतर है। वहीं, पीतल कारखाने के मांलिक का कहना है उनके पास ऑक्सीजन गैस के काफी सिलेंडर थे लेकिन उन्होंने वह सभी सिलेंडर जिला प्रशासन को सौंप दिए थे ताकि उन सिलेंडर की गैस से किसी की जान बच जाए अब ऑक्सीजन की मांग कम हो गई है तो अब उन्हें सिलेंडर 30% गैस के साथ मिलने लगे हैं।

 

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