मेरठ के फफूंडा गांव में युवती की सुनवाई के लिए अधिकारी नहीं पहुंचे तो पीड़िता ने अपने हाथ मे आग लगा ली। मौके पर मौजूद पुलिस ने युवती को समझाकर शांत किया। वहीं करीब तीन बजे सीओ किठौर, एसडीम सदर और अन्य अधिकारी गांव में पहुंचे। उन्होंने पीड़िता को जल्द से जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।युवती ने पुलिस-प्रशासन पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए आत्मदाह की चेतावनी दी थी। वहीं शुक्रवार को किसी भी अधिकारी के नहीं पहुंचने से नाराज युवती ने खुद को आग लगा ली। युवती का कहना था कि अगर एक घंटे के अन्दर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा तो वह पूरे शरीर में आग लगाकर आत्मदाह कर लेगी।
इससे पहले युवती ने चेतावनी दी थी कि अगर 16 जुलाई को गांव में कोई अधिकारी उससे बात करने नहीं पहुंचा तो वह आत्मदाह कर लेगी। इससे पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मचा है और गांव में युवती के मकान पर पुलिस बल तैनात किया गया है।दरअसल पूरा मामला यह हैखरखौदा थाना क्षेत्र के गांव फफूंडा निवासी युवती ने पुलिस प्रशासन से परेशान होकर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। युवती का आरोप है कि वह तीन साल से गांव में अतिक्रमण करने वालों, सट्टेबाजों और अवैध हथियार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कराने के लिए कई बार शिकायत कर चुकी है। सभी साक्ष्य होने के बाद भी पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की है। उल्टा उस पर दबाव बनाने के लिए गांव में आरोपियों के साथ साठगांठ कर पंचायत कराई।
बता दें कि बीते सोमवार को गांव में प्राचीन शिव मंदिर परिसर में पुलिस की मौजूदगी में पंचायत का आयोजन किया गया। इसमें ग्रामीणों ने युवती पूनम शर्मा पर अवैध वसूली का आरोप लगाया। कई ग्रामीणों ने पुलिस को तहरीर भी दी। वहीं पूनम शर्मा का कहना था कि गांव में 12 बीघा तालाब का अस्तित्व समाप्त कर लोगों ने घर बना रखे हैं। इस अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री तक से शिकायत की। लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई। बाद में जान से मारने की धमकी देते हुए घर पर लगे कैमरों में आग लगा दी गई। जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा गलत रिपोर्ट देकर कार्रवाई को दबाया जा रहा है। महिला ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण करने वाले और सट्टेबाजों ने लोगों को एकत्र कर उसके खिलाफ साजिश रची है। उसे झूठे मामलों में फंसाने की रहे हैं।
वायरल वीडियो में पुलिस पंचायत के दौरान लोगों की शिकायतें सुन रही है, जबकि थाना प्रभारी पंचायत से इनकार कर रहे हैं। युवती का आरोप है कि तालाब पर बने मकानों के ध्वस्तीकरण के लिए एक वर्ष से पत्रावली चली हुई है। लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी है। तो वही मोहल्ले वासियों का पूरे प्रकरण को लेकर यह कहना है कि यह महिला मक्कार है और अपनी दबंगई दिखाते हुए पूरे मोहल्ले पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए हुए हैं। या मोहल्ले वालों में भय पैदा करना चाहती है इसी को लेकर इसमें यह कदम उठाया पहले भी यह महिला कई बार ऐसे कारनामे कर चुकी है।
रिपोर्ट:-साजिद इदरीसी मेरठ