रायबरेली : यूपी में स्वास्थ्य महकमे को पटरी पर लाने के लिए लगातार मुख्यमंत्री से लेकर डिप्टी सीएम तक सरकारी अस्पतालों के लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। उसके बाद भी रायबरेली जिला अस्पताल की सीएमएस नीता साहू सुधारने का नाम नही ले रही है। पिछले कई महीनों से ज़िला अस्पताल के शव घर में लगा फ़्रीज़र ख़राब पड़ा है. जिसके कारण वह रखे जाने वाले शवों कुछ ही घंटों में बदबू आने लगती है। जिसका नुकसान वह रह-रहे अन्य मरीज़ो को उठाना पड़ता है। ज़िला अस्पताल की मर्चुरी में शवों को सुरक्षित रखने के लिए परिजनों अपने खर्चे पर ख़ुद ही इंतजाम करके बर्फ़ व अन्य सामान मंगाना पड़ता हैं.
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वीवीआईपी की लिस्ट में दर्ज रायबरेली सिर्फ़ सुनने में ही अच्छा लगता है हकीक़त कुछ और ही बयां करती हैं। बात हम ज़िला अस्पताल की करें तो अव्यवस्थाओ का भंडार है। कमीशनबाजी की भेंट चढ़ा वीवीआईपी ज़िला रायबरेली का जिला अस्पताल मरीज़ो को बाहर की मंहगी लिखना हो या ऑपरेशन के नाम पर मोटी पैसा का लेना हो यहाँ तक कि मर्चुरी में शव को रखने के लिए पैसों का लेना हो। ये हम नही कह रहे है ये खुद ज़िला अस्पताल में मेट्रन रंजना श्रीवास्तव कह रही है। आप भी सुनिए क्या बोल रही है. मेट्रन रंजना श्रीवास्तव।
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राणा बेनी माधव ज़िला अस्पताल की सीएमएस नीता साहू की बदसलूकी का आलम ये है कि डॉक्टरों व स्टॉप को गालियां तक देने में पीछे नही हटती है यही कारण है कि अस्पताल के जाने-माने फिजिशियन बीरबल ने इस्तीफा भी दे दिया था। लेकिन बाद में जिला अधिकारी के अस्ताक्षेप के बाद उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था।
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