रामपुर। जिला अस्पताल के रिटायर्ड मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएम नागर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह अपने सरकारी आवास पर अकेले रहते थे, जबकि उनका परिवार लखनऊ में रहता है। घटना का पता चलते ही परिजन रामपुर पहुंचे और डॉक्टर नागर का शव लेकर चले गए। परिजनों के मुताबिक, डॉक्टर नागर की मौत स्वाभाविक हुई है।
कुछ दिन पहले नर्स से हुआ था विवाद
बता दें कि डॉक्टर नागर का 27 अप्रैल को अस्पताल की ही एक नर्स से विवाद हो गया था। जिसके बाद नर्स ने डॉक्टर नागर को थप्पड़ मार दिया था। इस मामले में कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने नर्स को निलंबित करते हुए डॉक्टर नागर की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। तभी से डॉक्टर नागर डिप्रेशन में रहते थे। हालांकि, बाद में डॉक्टर नागर ने दोबारा ज्वाइन कर लिया था और वे अपनी सेवाएं सुचारू रूप से जिला अस्पताल में दे रहे थे।
रिटायर होने के बाद दे रहे थे सेवाएं
डॉ. नागर जुलाई 2020 में जिला अस्पताल से रिटायर हो गए थे। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण वह दोबारा से संविदा पर जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे थे। बुधवार को जब डॉ. नागर के साथी डॉक्टरों ने उन्हें कई बार फोन किया, तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। संदेह होने पर एक डॉक्टर ने वार्ड बॉय को उनके सरकारी आवास पर भेजा। वहां पर डॉ. नागर मृत अवस्था में पड़े मिले। आनन-फानन में डॉ. नागर को जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन उनकी मौत पहले ही हो चुकी थी। जिला अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि डॉ. नागर शुगर के पेशेंट थे। शुगर बढ़ने की वजह से ही उन्हें हार्ट अटैक हुआ, जिससे उनकी मौत हो गई। शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।