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 जनवरी से अब तक कोरोना वैक्सीन की 44 लाख से ज्यादा डोज बर्बाद

RTI के तहत मिली जानकारी के अनुसार, इस साल जनवरी में शुरू हुए टीकाकरण अभियान से अब तक 44 लाख से ज्यादा डोज बर्बाद हो चुके हैं।

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एक तरफ जहां अलगअलग राज्य वैक्सीन की कमी की शिकायत कर रहे है, वहीं दूसरी ओर एक RTI से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, 11 अप्रैल तक देश में करीब 44 लाख कोरोना वैक्सीन बर्बाद हो चुकी हैं. खास बात ये है कि वैक्सीन बर्बादी के मामले में पांच राज्य सबसे आगे हैं, वैक्सीन को लेकर दायर हुई एक RTI में जवाब मिला है कि राज्यों के इस्तेमाल में आए 10.34 करोड़ वैक्सीन डोज में से 44.78 लाख डोज बर्बाद हो गए हैं।

RTI में क्या कहा गया ?

हाल ही में एक RTI से मिली जानकारी बताती है कि देश में 11 अप्रैल तक 44.78 लाख वैक्सीन डोज बर्बाद हो चुके हैं. तमिलनाडु में वैक्सीन वेस्टेज ज्यादा है. यहां 11 अप्रैल तक 12.10% खराब हो चुकी है. दूसरे नंबर पर 9.74% के साथ हरियाणा है. इसके बाद पंजाब में 8.12, मणिपुर में 7.80, तेलंगाना में 7.55 प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद हो चुकी है।

किन राज्यों में वैक्सीन वेस्टेज नहीं

देश के कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे भी हैं, जहां वैक्सीन की बर्बादी नहीं हुई है. जानकारी के मुताबिक, केरल, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, गोवा, दमन एंड दीव, अंडमान एंड निकोबार आईलैंड और लक्षद्वीप पर वैक्सीन बर्बादी नहीं हुई है।

बतादे कि देश में बीती 16 जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो गया था. देश में फिलहाल 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है. वहीं 1 मई से 18 साल के उम्र के सभी लोगों को कोरोना टीका लगाया जाएगा।

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आंकड़ों से समझिए कहां कितनी वैक्सीन वेस्टेज

आंध्र प्रदेश: 1,17,733

असम: 1,23, 818

बिहार: 3,37,769

छत्तीसगढ़: 1.45 लाख

दिल्ली: 1.35 लाख

गुजरात: 3.56 लाख

हरियाणा: 2,46,462

जम्मूकश्मीर: 90,619

झारखंड: 63,235

कर्नाटक: 2,14,842

लद्दाख: 3,957

मध्य प्रदेश: 81,535

महाराष्ट्र: 3,56725

मणिपुर: 11,184

मेघालय: 7,673

नागालैंड: 3,844

ओडिशा: 1,41,811

पुडुचेरी: 3,115

पंजाब: 1,56,423

राजस्थान:6,10,551

सिक्किम: 4,314

तमिलनाडु : 5,04,724

तेलंगाना: 1,68,302

त्रिपुरा: 43,292

उत्तर प्रदेश: 4,99,115

उत्तराखंड: 51,956

वैक्सीन बर्बादी पर दिल्ली हाईकोर्ट का सवाल

दिल्ली हाई कोर्ट में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर सुनवाई हुई. दिल्ली हाईकोर्ट ने वैक्सीन की बर्बादी को लेकर भी चिंता जताई और अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

वैक्सीन का एक शॉट भी क्यों हो रहा बर्बाद

कोर्ट ने उन लोगों की सूची से युक्त एक मोबाइल एप्लिकेशन बनाने का सुझाव दिया, जिन्हें टीका लगाया जा सकता है. कोर्ट का कहना है कि “इसे लेने के इच्छुक लोगों को वैक्सीन दी जानी चाहिए. वे बूंदें जो जीवन बचा सकती हैं, बर्बाद हो रही हैं. टीकाकरण की संख्या में गिरावट के बारे में बात करते हुए, कोर्ट ने कहा अगर 10 दिनों तक इंतजार करते हैं, तो समस्या बनी रह सकती है. हम मूल्यवान और युवा जीवन खो रहे हैं. महामारी भेदभाव नहीं करती है. जिस किसी को भी टीके की जरूरत है, उन्हें दें. सभी को टीकाकरण की आवश्यकता है.

दिल्ली में बर्बाद हो रही 5 प्रतिशत वैक्सीन

राजधानी दिल्ली में लगभग 5 प्रतिशत टीके बर्बाद हो रहे हैं. इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड -19 प्रबंधन का एक बड़ा हिस्सा टीकाकरण की बर्बादी को रोकना है और देश के युवाओं से अपील की है कि वे 45 से ऊपर के लोगों को टीका लगाने में मदद करें. प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन की अधिकतम विनिर्माण सुविधा में सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच, नए टीकों का विकास भी चल रहा है.

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