Desk. मेघालय हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में सुनवाई करते हुए बड़ा बयान दिया है। कोर्ट ने कहा कि सीर्फ नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ना और उसे सुंदर कहना यौन उत्पीड़न की श्रेणी में नहीं आता है। यदि यह अपराध के इरादे से किया जाता तो इसे सेक्सुअल असॉल्ट माना जाता। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने केस को भी खारिज कर दिया।
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दर्ज केस के अनुसार मेघालय में 9 साल की बच्ची एक 55 साल के व्यक्ति को को पानी देने आई, तो उसने बच्ची का हाथ पकड़ लिया और सहलाते हुए कहा था कि उसके हाथ सुंदर हैं। इसके बाद बच्ची तुरंत वहां से निकल गई और मां से घटना बताई। इसके बाद लड़की के परिजनों ने व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 व 354A और पॉक्सो अधिनियम की धारा 7 और 9 के तहत आरोप तय किए थे।
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इस मामले में मेघालय हाईकोर्ट के जज ने कहा कि ऐसा ही एक केस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला दिया है। हम बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले से सहमत है। इससे पहले महाराष्ट्र में ऐसे ही एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि ऐसे मामलों में आरोपी के इरादों के बारे में जानना जरूरी है।