ऑफिस से 7 बजे तक घर वापस आ जाना, वरना काम करने की जरूरत नहीं, लड़कियां रात में पार्टी करने घर से निकलती हैं इसलिए रेप होते हैं. लड़की हो, रात में अकेले कैसे बाहर जाओगी? भाई या पापा को साथ लेकर जाना, भारत में एक लड़की के लिए रात को सीधे खतरे से जोड़ दिया जाता है और इसे लेकर नसीहतें भी मिलती हैं। हालत ये है कि लड़कियों की जिंदगी से रोज का आधा दिन लगभग गायब रहता है, क्यों? क्योंकि उस समय हल्का या गहरा अंधेरा छाया रहता है।
तो क्या यह मान लें कि लड़की दिन में निकले तो सेफ है या फिर भारत में रेप का कोई वक्त तय है आज ये सावल हम इस लिए पुछ रहें है क्योंकि बिहार में दरंदगी की एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया, औऱ सवाल खड़े कर दिए उन नेतोओ पे जो चुनाव से पहले महिला सुरक्षा के नाम पर वोट लेते है, और सवाल खड़े होते है उस पुलिस प्रशासन पर जिसके के राज्य में शहर में रेप करने की कंपनीया खुली होती है और पुलिस को उसकी भनक तक नहीं होती. महिला सुरक्षा पुलि और नेताओ के दावो वादो पर अंत में बात करेंगे लेकिन उससे पहले आप को पूरा मामला बताते जिसनें देश की 200 बेटियों के जवीन को गर्द में ड़ाल दिया है
देश के हर बेरोजगार इंसान को नौकरी या काम धंधे की तलाश होती है जिससे वो अपना जीवन यापन कर सके बेरोजगारी में नौकरी मायने रखती है लेकिन बिहार के कुछ लोगों ने नौकरी के इस महत्व को कंपनी खोलकर भुनाया है हैवान की शक्ल में कंपनी ने महिलाओं के साथ यौन शोषण किया है ये एक ऐसी घटना है, जिसके बारे में जानकर स्थानीय प्रशासन हिल गया है ये बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए बालिका गृह कांड से भी बड़ी घटना है बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में नौकरी दिलाने के बहाने कई युवतियों को कथित तौर पर महीनों तक बंधक बनाकर रखने और उनका यौन उत्पीड़न करने के आरोप में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है पुलिस ने यह जानकारी दी उसने बताया कि आरोपी व्यक्ति एक फर्जी मार्केटिंग कंपनी से जुड़े हुए हैं आरोप है कि मुजफ्फरपुर के एक चिटफंड कंपनी में नौकरी का झांसा देकर कई लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बनाया गया।एक पीड़िता ने बताया कि आरोपी से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी जब वो प्रेग्नेंट हुई तो दवा खिलाकर तीन बार उसका गर्भपात करा दिया गया फिर नकली शादी कर यौन शोषण किया गया लेकिन इसी बीच केस में एक ऐसी बात सामने आई है, जिससे अहियापुर थाना ही सवालों के घेरे में आ गया है बालिकागृह कांड में एक ‘मूंछ वाले अंकल’ का जिक्र हुआ था अब इस पूरे केस में ‘एक पुलिसवाले’ की भूमिका संदिग्ध दिख रही है
क्योंकि पीड़िता जब शिकायत लेकर थाने गई तो पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की और कोर्ट जाने की सलाह देकर थाने से भगा दिया। इसके बाद पीड़िता ने कोर्ट में परिवाद दायर किया। फिर भी थाने में केस दर्ज नहीं किया गया। लड़की दोबारा कोर्ट गई। तब जाकर अहियापुर थाने में केस दर्ज हुआ। FIR में डीबीआर कंपनी के सीएमडी मनीष सिंह, तिलक सिंह के अलावा इनामुल अंसारी, अहमद रजा, विजय कुशवाहा, कन्हैया कुशवाहा, हृदय आनंद सिंह और मो. इरफान को आरोपी बनाया गया है
पीड़ित ने बताया है कि फेसबुक पर महिलाओं के लिए जॉब ऑफर के पोस्ट के माध्यम से वह डीवीआर संस्था से जुड़ी जहां अप्लाई करने पर चयन होने के बाद प्रशिक्षण के नाम बीस हजार रुपये की मांग की गई। उसने बताया कि पैसा जमा करने के बाद बहुत सारी लड़कियों के साथ अहियापुर थाना क्षेत्र में ही बखरी के निकट रखा गया। लगभग 3 महीना तक गुजर जाने के बाद भी जब सैलरी नहीं मिली, तो उसने संस्था के सीएमडी तिलक सिंह के समक्ष अपनी बात रखी तब उसे ये बताया गया कि 50 और लड़कियों को संस्था से जोड़ने पर उसकी सैलरी 50 हजार कर दी जाएगी
पीड़ित ने कंपनी के फर्जीवाड़े को समझते ही प्राथमिकी दर्ज कराने की सोची उसका कहना है कि, यहां लड़कियों को बंधक बना लिया जाता है चारों तरफ मुस्टंडों को तैनात रखा जाता है। कोई भी लड़की भाग नहीं पाती है उनसे फोन करवा कर लड़कियों के रिश्तेदारों में मौजूद युवतियों को बुलाया जाता है उन्हें भी जॉब का लालच देकर उनका यौन शोषण किया जाता है पीड़ित का कहना है कि वो नहीं चाहती थी कि जैसे उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया उस तरह की घटना किसी अन्य लड़की के साथ हो पीड़िता का आरोप है कि फर्जी संस्था को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद तिलक सिंह ने उसका किडनैप कराया और न्यायालय में जाने से रोकने की कोशिश की। इस क्रम में दहशत बनाने के लिए उसके भाई को पटना बुला कर हत्या कर देने की धमकी भी दी
एब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिर पुलिस प्रशासन के रहते मुजफ्फरपुर जैसे शहर में इस तरह कै रैकेट कैसे चल रहा था और सावल उठता है ये की बिहार के मुजफ्फरपुर में हुई ये घटना के बाद बिहार में नौकरी मांगने गई आपके घर की बहू, बेटी सुरक्षित वापस लौटेगी या नहीं इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा पुलिस जिसे मामले में fir तक नहीं दर्ज की थी नेता नेता जो वोट मांगने से पहले महिला सुरक्षा के वादे करते है.