DESK : करीब 38 हजार लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने वाले 4000 करोड़ रुपए के पोंजी घोटाले में फंसे कांग्रेस नेता जमीर अहमद की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मंगलवार को बेंगलुरु में जमीर अहमद के पांच ठिकानों पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने छापेमारी की है. एसीबी की आज की कार्रवाई ईडी (ED) की जांच के आधार पर हो रही है जो जमीर अहमद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले से जुड़ा है.
एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि ज़मीर अहमद पर यह केस ईडी की जांच के आधार पर दर्ज किया गया है. दरअसल, ईडी ने ज़मीर अहमद के ठिकानों पर अगस्त 2021 में छापेमारी की थी. यह छापेमारी इसलिए हुई थी क्योंकि ज़मीर अहमद पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था और उनका नाम आईएमए पोंजी घोटाले में भी आया था. यह घोटाला करीब 4 हजार करोड़ रुपए का था, जिसमें 38 हजार लोगों ने धोखाधड़ी की शिकायत की थी.
ज़मीर अहमद के ठिकानों पर एंटी करप्शन ब्यूरो के 40 अधिकारियों की एक पूरी टीम ने छापेमारी की है. जमीर के बेंगलुरु कंटोंमेंट रेलवे के पास शिवाजीनगर स्थित उनके निवास स्थान, सिल्वर ओक अपार्टमेंट के एक फ्लैट, सदाशिव नगर स्थित एक गेस्ट हाउस, बनाशंकरी स्थित जीके असोसिएट्स का ऑफिस और कलासिपल्या स्थित नेशनल ट्रैवेल ऑफिस में एक साथ छापेमारी की गई है.
छापेमारी के दौरान जमीर अहमद के समर्थक रेड वाली जगहों पर इकट्ठा ना हो पाएं, इसलिए स्थानीय पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद है. बड़ी संख्या में बेंगलुरु पुलिस के जवान तैनात हैं. जमीर अहमद राज्य की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे है. वे पहले पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जद-एस से जुडी थी. बाद में जमीर और देवेगौड़ा के रिश्ते मधुर नहीं रहे तो जमीर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया.
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