रामनगरी दीपोत्सव की तैयारियों से निहाल,दीपोत्सव पर 10 लाख से अधिक दीपों से सज्जित हो रही रामनगरी अयोध्या
रामनगरी दीपोत्सव की तैयारियों से निहाल,दीपोत्सव पर 10 लाख से अधिक दीपों से सज्जित हो रही रामनगरी अयोध्या
दीपोत्सव पर 10 लाख से अधिक दीपों से सज्जित हो रही रामनगरी अयोध्या क्या अनुभव करेगी, इसका उत्तर तो बुधवार को मिल पाएगा। फिलहाल, रामनगरी दीपोत्सव की तैयारियों से निहाल है। एक ओर नगरी दीपोत्सव की व्यापक तैयारियों का अंतिम स्पर्श पाकर उत्तरोत्तर दमकती जा रही है, दूसरी ओर तैयारियों से उपजी चकाचौंध सामने वाले को अभिभूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। जिस रामकी पैड़ी पर बुधवार को एक साथ 10 लाख से अधिक दीप प्रज्वलित होंगे, वह अभी से दीपों से आच्छादित होने लगी। गत सप्ताह से ही अंगड़ाई ले रही दीपोत्सव की तैयारियों की समीक्षा कई अपर मुख्य सचिव एवं संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव स्तर तक के आला अधिकारी कर चुके हैं, तो मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी स्थानीय प्रशासनिक अमले के साथ रामकथा पार्क से लेकर रामकी पैड़ी परिसर में डेरा ही जमा चुके हैं। तैयारियों के प्रति ऐसी ही प्रतिबद्धता का परिणाम है कि दीपोत्सव के साथ रामनगरी में सरयू तट पर दिव्य दुनिया का निर्माण प्रतीत हो रहा होता है। रामकी पैड़ी 2017 में दीपोत्सव की परंपरा शुरू होने के पूर्व उपेक्षा की पर्याय बनी हुई थी, आज पंचम दीपोत्सव की दहलीज पर ऐसी प्रतीत होती है, जैसे पुण्य सलिला सरयू अपने उद्गम मानसरोवर से निकल कर सीधे रामनगरी का अभिषेक करने आ पहुंची हो। यह महज संयोग नहीं है। इसके पीछे दीपोत्सव से जुड़ी तैयारियों की रचनात्मकता है। इस अवधि में सौ करोड़ की लागत से पैड़ी का कायाकल्प हो चुका है। …तो पांच सौ मीटर लंबी पैड़ी के मुख्य चैनल के एक किनारे पर उन दीपों की सज्जा शुरू हो गई है, जो बुधवार को एक साथ प्रज्वलित हो लगातार चौथी बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में रामनगरी का नाम दर्ज कराएंगे।
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इसी के साथ ही पैड़ी का दूसरा किनारा रेड कार्पेट से सज्जित होने को तैयार है। जहां से गुजर कर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित दिग्गज धर्माचार्य तथा अन्य चुनिंदा मेहमान एवं श्रीराम तथा उनके परिकर के स्वरूप आसन ग्रहण कर दीपोत्सव से रू-ब-रू होंगे। मेहमानों के लिए सज्जित किए जा रहे आसन से उनकी हैसियत का अंदाज भी मिलता है। श्रीराम और उनके परिकर के स्वरूप के लिए राम दरबार का पंडाल सज रहा है। रामदरबार के ही सम्मुख संतों के मंच की व्यवस्था की जा रही है। इसे देखकर समझा जा सकता है कि संत श्रीराम के चरणों में बैठ कर दीपोत्सव का आनंद लेंगे। दीपोत्सव को निहारने के लिए राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के लिए स्वतंत्र मंच बन रहा है। जबकि पांच सौ अन्य कुर्सियां भी मेहमानों के स्वागत में सज रही हैं। पैड़ी से उत्तर प्रवाहमान कार्तिक मास की शुभ्र-क्षिप्र सरयू से भी दीपोत्सव के स्वागत का उल्लास परिभाषित होता है। लंबे और प्रशस्त घाट के बीच ग्रेनाइट पत्थर से नवनिर्मित गोलाकार प्लेटफार्म ध्यान आकृष्ट करते हैं। मुख्यमंत्री दीपोत्सव से पूर्व चुनिंदा सहयोगियों के साथ इसी प्लेटफार्म से पुण्य सलिला की आरती-अभ्यर्थना करेंगे।
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भांति-भांति से सज्जित तोरण और घाट के किनारों के लावण्य की अटूट श्रृंखला उस रामकथापार्क तक पहुंचाती है, जहां श्रीराम के स्वरूप का राजतिलक कर मुख्यमंत्री दीपोत्सव का मर्म उद्घाटित करेंगे। रामकथापार्क के ही सम्मुख वह हेलीपैड भी दीपोत्सव के गगनचुंबी उल्लास की अनुभूति कराता है, जिस पर पुष्पक विमान के रूप में हेलीकाप्टर बुधवार को अपराह्न श्रीराम, सीता, लक्ष्मण एवं हनुमान के स्वरूप को लेकर उतरेगा। 12 हजार स्वयंसेवकों ने संभाला दायित्व : दीपोत्सव में डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 24 विभागों, 15 महाविद्यालयों, पांच इंटर कॉलेजों के विद्यार्थी व 40 स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य लाखों दीपक जलाने का जिम्मा संभालेंगे। स्वयंसेवकों की कुल संख्या करीब 12 हजार है। घाट समन्वयकों की संख्या लगभग दो सौ है। स्वयंसेवकों को सोमवार को टी शर्ट भी वितरित की गई। अब तक के सबसे भव्य दीपोत्सव में 32 घाटों पर दस लाख दो हजार दीपक सजाये जाएंगे। इस बार सात लाख 51 हजार जलते दीपकों का विश्व कीर्तिमान बनाने का लक्ष्य है। हालांकि, कोशिश है कि रिकार्ड में नौ लाख जलते हुए दीपक अंकित हों। सर्वाधिक दीपक घाट नंबर एक पर जलाए जाएंगे। घाट नंबर एक पर 741 स्वयंसेवक सबसे ज्यादा 58 हजार 250 दीपक जलाएंगे। इसके बाद घाट नंबर दस पर 718 स्वयंसेवी 56 हजार 490 व तीन नंबर पर घाट पर 698 स्वयंसेवक 54967 दीपकों को जलाएंगे। संख्या के लिहाज से चौथे स्थान पर घाट नंबर सात है, जहां 677 स्वयंसेवक 54600 दीपक जलाने की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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दीपोत्सव के लिए कुल 32 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। इनमें डा विजयेंदु चतुर्वेदी, रमेश मिश्र, निधि यादव, डा. प्रतिभा त्रिपाठी, डा. गीतिका श्रीवास्तव, डा. राजेश सिंह कुशवाहा, डा. आशुतोष सिंह, डा. अनुराग मिश्रा, डा. महेंद्र पाठक, डा. अजय कुमार सिंह, डा. अशोक कुमार राय, डा. महेंद्रपाल सिंह, डा. आशीष पटेल, डा. अर्जुन सिंह, डा. त्रिलोकी यादव, डा. आशुतोष पांडे, डा. मुकेश कुमार वर्मा, डा. अश्विनी कुमार, डा. अनुराग पांडे, परितोष त्रिपाठी, विनीत सिंह, डा. राकेश पांडे, डा. दिनेश सिंह, डा. कमलेश तिवारी शोभित श्रीवास्तव, राजेश कुमार सिंह, डा. सुरेंद्र मिश्र, पीयूष राय, डा. रविंद्र भारद्वाज, आशुतोष मिश्र, डा. आशुतोष पांडे एवं संजीत पांडेय शामिल हैं। रामकी पैड़ी के 32 घाटों पर प्रभारी भी तैनात किए गए हैं। इनमें डा. अशोक कुमार मिश्र, डा. विनय कुमार सिंह, डा. पूनम जोशी, डा. सुषमा पाठक, डा. अमरजीत पांडे, डा. बृजेंद्र कुमार दुबे, डा. राजनारायण पांडे, डा. अर्जुन सिंह, डा. श्रीश अस्थाना, डा. बृजेश भारद्वाज, डा. अनुराग सोनी, डा. राजेश सिंह, दिव्यांश, सूरज त्रिपाठी, धर्मेंद्र पाठक, सुरेश कुमार, डा. अवनीश शुक्ला, डा. किशन सोनी, अंकित विश्वकर्मा, डा. शिवनारायण वर्मा, मयंक सिंह, विष्णु कुमार गुप्ता, ऋषभ श्रीवास्तव, कदम कृष्ण पांडेय, सुरेंद्र मिश्रा, कृष्ण पांडे, शिवांश कुमार, डा. अनिकेश पांडे, डा. श्याम नारायण यादव, डा. शिवकुमार तिवारी, डा. बीडी द्विवेदी, डा. परेश कुमार पांडे हैं।