Breaking NewsTop News

सिर मुंडाते ही ओले पड़ना ! मालदारों के ‘ट्रांसफर-पोस्टिंग’ की मंशा पर भी फिरा पानी : पदस्थापन…

जून का महीना अधिकारियों के स्थानांतरण-पदस्थापन का होता है। इस बार 30 जून को एक दर्जन से अधिक विभागों में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग की गई है...

DESK : जून का महीना अधिकारियों के स्थानांतरण-पदस्थापन का होता है। इस बार 30 जून को एक दर्जन से अधिक विभागों में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग की गई है। लेकिन एक चर्चित व मालदार विभाग में महज मुट्ठी भर अधिकारियों का ही स्थानांतरण हो पाया। कारनामों के लिए ‘बदनाम’ विभाग में ‘मालदारों’ के स्थानांतरण की कोशिश में जुटे मुख्यालय के बड़े अधिकारी की मंशा पर पानी फिर गया है। दरअसल, हाकिम ने हफ्ते भर पहले ऐसा काम कर दिया था, जिससे सरकार के दामन पर छीटें पड़े थे। सरकार हरकत में आई तो यू-टर्न जरूर लिया लेकिन तब-तक देर हो चुकी थी.

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-http://www.aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de... लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

उनकी पूरी पोल-पट्टी खुल चुकी थी। जून महीने की एक ‘हिमाकत’ ने कई कामों का बंटाधार हो गया। महीने के अंतिम दिन ‘माल’ तो नहीं मिला, बदनामी थोक भाव में जरूर मिल गई। अब उस अफसर के बारे में यह कहावत शुरू है कि ”चौबे चले थे छब्बे बनने दुबे बन कर लौटे”। बात राज्य के एक अधिकारी से जुड़ी है और सौ फीसदी पक्की है। मुख्यालय के अफसर ने जून महीने में ऐसा काम कर दिया जिस वजह से भारी किरकिरी हुई। मीडिया में खबर आने के बाद सरकारी सचेत हो गई।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-http://www.aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de... लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

सरकार के हरकत में आने से जिस बड़े अधिकारी ने विभाग के एक छोटे से अधिकारी के लिए आउट-ऑफ-वे जाकर काम किया था वो कटघरे में आ गये। परिणाम यह हुआ कि इस तरह के जो अन्य काम पाइप-लाइन में थे, उस पर पानी फिर गया। बताया जाता है कि जिस तरह एक मामले में जुर्म को दरकिनार कर सीधे फील्ड पोस्टिंग दी गई थी, उसी तरह के 2-3 फाइल और करना था। लेकिन यहां तो सिर मुंडाते ही ओले पड़ने लगे। लिहाजा अन्य फाइल को डील करने की मंशा चकनाचूर गई। सिर्फ इतना ही नुकसान नहीं हुआ, इस चक्कर में जून महीने में ‘मालदारों’ को इधर-उधर भी नहीं किया जा सका। जिसके बड़े स्तर यानी ‘बड़ी थैली’ का नुकसान हुआ। जानकार बताते हैं कि सरकार उस अफसर पर नजर टिकाये हुए है। पूरे मामले पर सरकार की पैनी नजर है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-http://www.aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de... लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

अब आप कहेंगे कि आखिर वो अफसर है कौन, जिसके बारे में यह चर्चा है। हम आपको सीधे तौर पर तो नहीं बतायेंगे, लेकिन इशारों-इशारे में जरूर बता देंगे। दरअसल, यह पूरी कहानी सचिवालय से जुड़ी हुई है। सचिवालय स्थित एक विभाग के अधिकारी का एक आदेश काफी चर्चा में है। हम आपको बतायें कि वो विभाग में नंबर दो की हैसियत में हैं। मालदारों के स्थानांतरण की फाइल के वे सर्वेसर्वा हैं. तीन साल की अवधि पार होने के बाद भी उसी विभाग में हैं. वैसे उस विभाग के बारे में कहा जाता है कि अगर लक्ष्मी के फेर में अधिक रहे तो दामन पर दाग लगने से कोई नहीं रोक सकता। पिछले साल से लेकर अब तक सरकार की सख्ती का असर आने-जाने वाले विभाग पर दिखी है। कई अधिकारी अब तक दागी होकर आउट हो चुके हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button