IPS अधिकारी 27 पुलिसवालों से ऐंठता था पैसे,भ्रष्टाचार के आरोप में हुआ निलंबित
ब्यूरो ने निलंबित और जेल में बंद आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल के कब्जे से ये रजिस्टर बरामद करने का दावा किया है। ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि रजिस्टर की देखरेख अग्रवाल के नीचे काम करने वाला कोई व्यक्ति करता था।
राजस्थान। एन्टी करप्शन ब्यूरो की टीम ने एक रजिस्टर बराबद किया है जिसमें कथित रूप से 27 भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के नाम है। एसीबी का दावा है कि निलंबित आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल इन पुलिसकर्मियों का फायदा उठाकर इनसे पैसे लेता था। आईपीएस अधिकारी पुलिस वाले पर चल रही भ्रष्टाचार की शिकायतों का इस्तेमाल उनसे पैसै ऐंठने के लिए करता था।
ब्यूरो ने निलंबित और जेल में बंद आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल के कब्जे से ये रजिस्टर बरामद करने का दावा किया है। ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि रजिस्टर की देखरेख अग्रवाल के नीचे काम करने वाला कोई व्यक्ति करता था।
हिंदुस्तान टाइम्स ने जो रजिस्टर देखा है उसके अनुसार, अग्रवाल के नीचे काम करने वाले व्यक्ति ने कहा, “जय हिंद सर, हमें इन सभी पुलिसकर्मियों को अलग से बुलाना चाहिए। अगर आप अपने लेवल पर इनसे बात करते हो तो ये जरूर बोलेंगे। किसी के पास कोई आधार नहीं है। अगर इन्हें डराया जाता है तो ये सच बोल देंगे।
घटनाक्रम से परिचित एसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि ये नोट अग्रवाल के नीचे काम करने वालों में से एक ने 16 अक्टूबर, 2019 और 5 जुलाई, 2020 के बीच पुलिस अधीक्षक (एसपी), जीआरपी (सरकारी रेलवे पुलिस) के रूप में अपनी पोस्टिंग के दौरान जमा किए थे। 10 से अधिक पुलिस जिले उसके अधिकार क्षेत्र में थे।
एसीबी के एक अधिकारी ने कहा, “27 पुलिसकर्मियों में कांस्टेबल से लेकर अलवर, जयपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा, अबू रोड, गंगापुर सिटी, हिंदौन चौकी, बांदीकुई और झालावाड़ में तैनात पुलिसकर्मी शामिल हैं।”
उन्होंने कहा कि ये नोट 27 पुलिसकर्मियों के विशिष्ट विवरण और अलग-अलग मामलों में लोगों से प्राप्त पैसे की तरफ इशारा करते हैं। एसीबी को संदेह है कि विवरण उस पुलिसकर्मी द्वारा दर्ज किए गए थे जो या तो पूर्व एसपी कार्यालय के खुफिया या सतर्कता विंग में तैनात था।
एसीबी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अग्रवाल इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज शिकायतों का इस्तेमाल इनसे पैसा निकलवाने के लिए करता था हालांकि अभी इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि उसने उनसे कितना पैसा निकाला।