पटरियों पर पत्थर तोड़ने वाले अब जाचेंगे टिकट, दौड़ाएंगे ट्रेन
चतुर्थ श्रेणी से तृतीय श्रेणी में जाने के लिए रेलवे ने विभागीय परीक्षा आयोजित कराई तो कई होनहारों ने दिमाग का दम दिखाया।
उत्तरप्रदेश। गोरखपुर-सहजनवा रूट पर पटरियों पर चलकर काम करने वाले ट्रैकमैन नीरज अब स्टेशन पर टिकट जांचेंगे। पटरियों से सीधे प्लेटफार्म पर काली कोट में टिकट जांचने तक का सफर संभव हुआ है उनकी प्रतिभा के बूते।
पहले जहां रितेश सभी को सलाम ठोकते थे वहीं अब उन्हें भी बाबू कहकर नमस्ते करने वाले हो गए हैं। नीरज की ही तरह विद्याभूषण जहां अभी तक पटरियों के पास खड़े होकर रेल चालकों को झंडियां दिखाते थे वहीं जल्द ही वह खुद ट्रेन दौड़ाएंगे।
चतुर्थ श्रेणी से तृतीय श्रेणी में जाने के लिए रेलवे ने विभागीय परीक्षा आयोजित कराई तो कई होनहारों ने दिमाग का दम दिखाया। इन कर्मचारियों ने ड्यूटी के साथ-साथ परीक्षा की तैयारी में भी दम लगाया और उसे पास भी कर लिया। उनकी मेहनत रंग लाई और बीते एक महीने से परीक्षा पास करने वाले होनहारों को टीसी, र्क्लक, गार्ड, सहाय लोको पायलट जैसे पदो पर तैनाती प्रक्रिया शुरू हो गई। अभी बीते दिनों 44 हेल्पर, ट्रैकमैन, गैंगमैन और हम्माल टीसी के पद चयनित किए गए। चयनित होने के बाद उन्हें विभागीय ट्रेनिंग कराने के बाद गोरखपुर में ज्वाइनिंग भी दे दी गई।