The plight of children in Afghanistan (social media photo

Afghanistan: अफ़ग़ानिस्तान में हाल बेहाल… भूखे बच्चों दे रहे ड्रग्स, बेटियां बेचने की नौबत

DESK:  अफगानिस्तान में जबसे तालिबान शासन आया है, वहा के लोगो का जीना मुश्किल सा हो गया है. गरीबी और बेरोजगारी का आलम यह है कि बच्चों को भूख लगने पर घरवाले नींद की दवापेट भरने के लिए माता-पिता बेटियों की किडनी तक बेच दे रहे हैं.इयां दे रहे हैं. भूखे परिवारों का

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संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि एक मानवीय तबाही अब अफगानिस्तान में सामने आ रही है. हेरात के बाहर के क्षेत्र में अधिकांश पुरुष दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं. वे वर्षों से कठिन जीवन जी रहे हैं. लेकिन जब तालिबान ने पिछले अगस्त में सत्ता संभाली, तब से हालात और बिगड़ गए हैं. नई सरकार को कोई अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं होने के कारण, अफगानिस्तान में आने वाले विदेशी धन पर रोक लगी हुई है. इससे आर्थिक पतन शुरू हो गया है. अधिकांश दिनों में पुरुषों के पास कोई काम नहीं रह गया है. जिस दिन उन्हें काम मिलता है, वे लगभग 100 अफगानी या सिर्फ एक डॉलर के आसपास कमा पाते हैं.

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हजरतुल्लाह ने कहा, “मैंने इसका ज्यादातर इस्तेमाल खाना खरीदने में किया और कुछ अपने छोटे बेटे की दवा के लिए. उसे देखिए, वह कुपोषित है.” कुपोषण दर में चौंका देने वाली वृद्धि इस बात का सबूत है कि अफगानिस्तान में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में भुखमरी पहले से बढ़ रही है.

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