लोकसभा में भी अखिलेश ने चलाया PDA फार्मूला, उपनेता बने बाबू सिंह कुशवाह

P D A यानि पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक  समाजवादी पार्टी का ये वो सुपरहिट फार्मूला है जिसके चलते सपा ने साल 2024 के लोकसभा चुनावों में 37 सीटे जीतकर इतिहास रच दिया है शायद अब अखिलेश यादव ये बात बहुत अच्छी तरह से समझ चुके है कि पीडीए ही एकलौता वो रास्ता है जिसके जरिए सत्ता हांसिल की जा सकती है.. इसलिए अखिलेश यादव कोई भी ऐसा फैंसला नही कर रहे जिसमें पीडीए की साझेदारी और हिस्सेदारी ना हो दोस्तों लोकसभा के साथ साथ इस वक्त यूपी विधानसभा का सत्र भी चल रहा है. दोनों सदनों में समाजवादी पार्टी के सदस्य बीजेपी सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं। इसी बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा और धर्मेंद्र यादव को बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दी है. समाजवादी पार्टी ने लोकसभा में भी PDA फार्मूला लगाते हुए पिछ़ड़े समाज ,से आने वाले और जौनपुर सीट से सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा को लोकसभा में समाजवादी संसदीय पार्टी का उपनेता नियुक्त किया है,
वहीं अखिलेश यादव को समाजवादी संसदीय पार्टी का नेता बनाया गया है. यानि अखिलेश के बाद बाबू सिंह कुशवाह नंबर दो के नेता हैं अब समाजवादी संसदीय दल में उधर फैजावाद सीट से वाले दलित सपा सांसद अवधेश प्रसाद को अधिष्ठाता मंडल का सदस्य नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही आजमगढ़ से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव को समाजवादी संसदीय पार्टी का मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी सौंपी गई है बताते चले कि समाजवादी पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। सपा ने यूपी में 37 सीट जीती है। इस तरह लोकसभा में यूपी से सपा के सबसे ज्यादा सांसद है।

लोकसभा में संख्या बल के आधार पर तीसरे नंबर की पार्टी होने के चलते सपा सांसद अखिलेश यादव लागातर बीजेपी को आड़े हाथों ले रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश से जबसे हारे हैं तब से कोई नमस्कार नहीं कर रहा है, तकलीफ वह है आपको। जो अपने आप को बहुत ताकतवर कहते थे, जिसने हराया उसको नहीं हटा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 10 साल में हम वहीं के वहीं खड़े हैं, जो रिजल्ट आए हैं, उसमें दिखाई पड़ रहा है कि आपने कितना काम किया। अगर सब कुछ अच्छा किया होता तो क्या परिणाम ऐसे आए होते। साथ ही अखिलेश ने पूछा कि सबसे बड़ा सवाल है, जो PDA परिवार के लोगों को हक और सम्मान मिलना चाहिए, क्या यह सरकार वह दे पा रही है।

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