सरकार गठन के बाद मोदी सरकार 3.0 डीपफेक और AI जनरेटेड कंटेंट पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है. सरकार डिटिजल इंडिया बिल लाएगी। इस बिल में डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से फैलाई जाने वाली अफवाहों, डीपफेक वीडियो से निपटने वाले प्रावधान किए गए हैं.
संसद के आगामी सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा और सरकार ने इसका मसौदा भी तैयार कर लिया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट की मानें तो , इस बिल में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (AI) तकनीक के बेहतर इस्तेमाल के विकल्प भी तलाशे जाएंगे, इसके साथ ही यूट्यूब के माध्यम से आधा अधूरा सच परोसने वाले कंटेंट को भी कानून के दायरे में लाने की तैयारी है.
बिल को पेश करने से पहले मोदी सरकार सभी दलों के साथ आम सहमति बनाने की भी कोशिश करेगी. आपको बतादें कि 24 जून से 3 जुलाई तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र में ‘डिजिटल इंडिया बिल’ को पेश किया जा सकता है. जो बात सबसे ज्यादा इस बिल की तरफ अपना घ्यान खिंच रही है वो है कि इस बिल में यूट्यूब समेत सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को सरकार द्वारा रेग्यूलेट करने के भी कड़े प्रावधान हो सकते हैं. बता दें, पिछली सरकार में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस तरह के बिल के बारे में मोदी 2.0 में ही संकेत दिए थे.
इससे पहले, डीपफेक और एआई जनरेटेड कंटेंट पर लगाम लगाने से पहले सरकार डेटा प्रोटेक्शन बिल को भी संसद में पेश कर चुकी है। भारत में आम नागरिकों के डेटा की सुरक्षा को पुख्ता करने वाले इस बिल को कैबिनेट से भी मंजूरी मिल चुकी है। यह बिल उन कंपनियों को कानून के दायरे में लाता है जो बिना यूजर्स की अनुमति के उसके डेटा का इस्तेमाल दूसरे कामों के लिए करती हैं. सरकार द्वारा लाए गए ‘डिटिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल’ में काफी कड़े प्रावधान किए गए हैं और उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 500 करोड़ तक का जुर्माना तक लगाया जा सकता है. अभी तक इसके लिए कोई कानून नहीं होने के बाद कंपनियां यूजर्स का डेटा का गलत इस्तेमाल करती हैं।
डीपफेक वीडियो को लेकर भारत में बालिवुड से लेकर राजनीतिक हल्कों तक पहले ही काफी होहल्ला हो चुका है। बीते साल बॉलीवुड एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वायरल हुआ था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी डीपफेक सामने आया था, जिसके बाद पीएम मोदी ने डीपफेक के खतरे को भांपते हुए इसपर लगाम लगाने की वकालत की थी. वह कई मौके पर डीपफेक वीडियो पर चिंता जता चुके हैं। वहीं, इस साल अप्रैल में मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र युवा कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल और 16 अन्य के खिलाफ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का डीपफेक वीडियो शेयर करने के आरोप में मामला दर्ज किया था।