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जौनपुर मे तेज हुआ कृपाशंकर सिंह का चुनावी अभियान

जौनपुर मे भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह का चुनावी अभियान धीरे-धीरे तेज हो रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं से बैठक पूरी कर चुके कृपाशंकर सिंह ने अब चौपाल के माध्यम से गाँव के लोगों से संपर्क अभियान की शुरुआत कर दी है।

जौनपुर,  मल्हनी  विधानसभा के सलार पूर गाँव मे चौपाल की बैठक आयोजितकीगई.. आयोजन स्थानीय प्रधान सुनील मिश्रा, विधानसभा संयोजक प्रभु दुबे, विधानसभा प्रभारी प्रभा श्रीवास्तव, जिला पंचायत सदस्य आशीष सिंह उर्फ आशु, किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष नीलेश यादव की उपस्थिति मे हुआ…कृपाशंकर के संपर्क अभियान से ग्रामीण बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं.।

उत्तर प्रदेश पुलिस करती है आरोपियों से साठगांठ

श्रीश उपाध्याय/मुंबई: उत्तर प्रदेश के सुजानगंज पुलिस थाने के पुलिस कर्मियों द्वारा आरोपी से साठगांठ का मामला प्रकाश में आया है.
श्री दुर्गा मल्टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के दुर्गेश सिंह ने उत्तर प्रदेश, जौनपुर जिले के सुजानगंज थाने में रेगुलर मीडिया के अरविंद सिंह, अल्का सिंह के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज कराया था. एफआईआर क्रमांक 0288/23 के अंतर्गत 31 दिसम्बर 2023 को अरविंद सिंह और अल्का सिंह के ख़िलाफ़ धारा 420, 419, 63(A) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था.

इसी मामले में कार्रवाई करने सुजानगंज पुलिस नोएडा पहुची. आरोपी अरविंद सिंह से मुलाकात की. चाय-पानी किया और अरविंद सिंह को बिना गिरफ्तार किए ही वापस लौट गई.
सुजानगंज थाने के एस.आई राय से बात करने पर उन्होंने बताया कि उक्त मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है. हालांकि आर्या न्यूज के पास आरोपी अरविंद सिंह और सुजानगंज थाने के एस.आई राय के मुलाकात की तस्वीरे है जिनमे से एक तस्वीर प्रकाशित की जा रही है.

इस मामले के बारे में पूछे जाने पर शिकायतकर्ता दुर्गेश सिंह ने आरोप लगाया कि सुजानगंज पुलिस आरोपी से मिलकर रिश्वत लेती है और साठगांठ कर उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है.
तस्वीरों से एक बात तो स्पष्ट है कि आरोपी अरविंद सिंह से सुजानगंज थाने के एस.आई राय मिले लेकिन एक आरोपी से मिलने के बाद गिरफ्तार क्यों नहीं किया ? इसका जवाब उनके पास शायद ही हो.

सानिया मिर्जा और मोहम्मद ने कर लिया निकाह, तस्वीर वायरल

 

टेनिस चैमपियन सानिया मिर्जा अपने शानदार खेल के लिए तो मश्हूर हैं ही लेकिन उनकी निजी जिंदगी भी किसी से छुपी नहीं हैं। टेनिस कोर्ट से लेकर पर्सनल लाइफ तक दमदार खिलाड़ी के लगातार सुखिर्यों बने रहने का सिलसिला बरकरार है।टैनिस चैपियन की पर्सनल लाइफ में बहुत कुछ गड़बड़ चल रहा है। 2024 साल का पहला महीना तो उनके लिए बेहद खराब रहा क्योकीं उनके एक्स हसबैंड शोएब मलिक ने 19 जनवरी 2024 को मॉडल सना जावेद से शादी करली थी।

हालाकीं इस बीच सानिया मिर्जा की कुछ तस्वीरों ने उनके फैंस को बड़ा सरप्राइज़ कर दिया।  इस सरप्राइज़ ने उनके फैंस के बीच तहलका मचा दिया हैं। दरअसल एक तस्वीर सोशल मिडिया पर लगातार वाइरल हो रही है जिसमें सानिया मिर्जा , क्रिकेट के स्टार और तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के साथ निकाह रचाते दिखाई दे रही हैं। जिसके बाद एक ही सवाल चारों तरफ गूंज रहा हैं की क्या सच मैं सानिया और मोहम्मद शमी ने शादी कर ली है या यह एक अफवाह है।

जब सानिया के एक्स हसबैंड ने शादी रचाई तो शोएब मलिक के फैंस ने उन्हे ट्रोल करना शुरु कर दिया था। उनको बेवहा कहा जाने लगा। वही सानिया के फैंस ने सानिया को हौसला बढ़ाया । जिसके बीच ही सानिया मिर्जा और मोहम्मद शमी की तस्वीर सामने आ गई। जिसपर फैंस खुश होने से ज्यादा शॉक हो गए हैं।तस्वीर में सानिया और मोहम्मद शमी दोनों ही मुस्कुराते नज़र आ रहे हैं जहाँ सानिया ने लाल जोड़ा पहन है तो वही मोहम्मद शमी सफेद शेरवानी पहने दिखाई दे रहे हैं।लेकिन हम आपको बता देते हैं कि इस तस्वीर में कितनी सच्चाई हैं। सानिया मिर्जा और मोहम्मद शमी की जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.. वो तस्वीर फेक और एडिटेड हैं.. चूकिं दोनों खिलाड़ी जरूर हैं लेकिन दोनों का एक दूसरे के साथ कोई खास संबंध नहीं हैं। साथ ही अगर शमी की निजी जिंदगी की बात की जाए तो शमी कुछ समय से ही अपनी पत्नी हसीन जहां से परेशान थे। जिन्होंने उन्हें साल 2018 में छोड़ दिया था और साथ ही उनपर घरेलू हिंसा जैसे कई आरोप लगाए हैं थे। जिसके बाद मोहम्मद शमी को किसी लड़की के साथ नहीं देखा गया वहीं बता दें उनकी एक बेटी भी है, जिसका नाम आईरा शमी है। वहीं अगर सानिया की बात की जाए तो सानिया अभी भी मूव ऑन फेस मे बताई जाती हैं।

आखिर में आपको एक बार फिर बता देते हैं कि सानिया मिर्जा और मोहम्मद शमी को तस्वीर और शादी की खबरें सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है वो पूरी तरह फेक हैं.।

इन एक्टर ने 40 करोड़ की “हनुमान” के लिए रिजेक्ट की 70 -75 फिल्म प्रोजेक्ट

 

सॉउथ की फिल्में कैसे दुनिया भर में तहलका मचा रही हैं यह तो हम सब देख रहे हैं लेकिन इसी बीच एक ऐसे एक्टर टॉलीवुड इंडस्ट्री में मौजूद हैं जो अपना नाम मानों बुलेट ट्रेन से भी तेजी के साथ बना रहे हैं। टॉलीवुड के जाने – माने एक्टर तेजा साजा की। तेजा साजा की एक्टिंग की वाह वाही दूर- दूर तक फैली हुई हैं। इसी बीच दमदार एक्टर तेजा साजा की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म हनुमान ने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। वैसे उनकी फिल्म तो सुर्खिया बटोर रही हैं लेकिन साथ ही उनकी एक फोटो भी सोश्ल मीडिया पर लगातार शेयर हो रही हैं जिसकी बात हम आगे करेगें।

 

हनुमान फिल्म को रिलीज़ हुए भले ही महिना भर हो गया हैं लेकिन फिल्म अभी तक हॉट- टोपिक में बनी ही हुई हैं। हनुमान फिल्म ना केवल अपने डायलॉग के लिए चर्चित हैं बल्कि फिल्म मे इस्तमाल किए VFX की भी खूब तारीफ हो रही हैं। हनुमान फिल्म 12 जनवरी 2024 में रिलीज़ की गई थी। यह वही दौर था जब पूरे देश की नज़र राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर थी। अब फिल्म राम भक्त के नाम पर हो और उसमे तेजा साजा की एक्टिंग का तड़का हो फिर तो फिल्म का हिट होना तय था। 40 करोड़ में बनी प्रशांत वर्मा की फिल्म हनुमान ने 25 दिन में 300 करोड़ की कमाई कर ली। कई फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। तेजा साजा ने लीड रोल निभा कर राष्ट्रव्यापी सनसनी बन गए…हनुमान फिल्म के सफल होने के बाद तेजा साजा ने एक इंटरव्यू मे कहां की उन्होनें इस मूवी के लिए काफी मेहनत की है। और यह भी बताया की उन्होनें हनुमान फिल्म करने के लिए 70-75 फिल्म प्रोजेक्ट को नकारा था..ढ़ाई साल से तेजा साजा सिर्फ हनुमान फिल्म में बेस्ट रोल निभाने के लिए तैयारी कर रहे थे। जिसका रिजल्ट उनको दिखा भी। उनकी मेहनत रंग लाई।

 

अब बात कर लेते हैं वाइरल तस्वीर की जो लगातार सोश्ल मीडिया पर वाइरल हो रही हैं। दरअसल तस्वीर में दिख रहा शख्स और कोई नहीं बल्कि बॉलिवुड को भी पीछे छोड़ देने वाले साउथ के मश्हूर एक्टर चिरंजीवी। जिनकों अपनी फिल्म में दिखाने में ही अच्छे- अच्छे डायरेक्टर के पसीने झूट जाते हैं।अमिताभ बच्चन और रंजनीकांत से भी महेंगें एक्टर चीरंजीवी ने एक से बढ़कर एक हिट फिल्म दी हैं। जिसमें एक नाम गॉडफादर का भी है ,और अब 2025 में चींरजीवी की फिल्म विश्वंभरा बड़े परदे पर आने की तैयारी कर रही हैं। जिसका फैंस बेसरी से इंतजार कर रहे हैं। खैर तस्वीर की बात पर वापस आए तो तस्वीर में दिख रहे चीरंजीवी तब 29 साल के थे। और उन्की गोद में दिख रहा बच्चा और कोई नहीं सॉउथ स्टार तेजा साजा हैं। जी हां वहीं तेजा साजा जिन्होनें सफल फिल्म हनुमान दी हैं। किस्मत कब पलट जाए इसका उदाहरण देती हैं यह तस्वीर । जिस वक्त की ये फोटो है उस वक्त ना तो चिरंजीवी बहुत बड़े स्टार थे और बच्चे तेजा साजा को तो कोई जानता ही नहीं था।

 

 

Bareilly News: तौकीर रज़ा ने दी पीएम मोदी को धमकी, CM Dhami बताया पागल

Bareilly News: हल्द्वानी हिंसा के बाद मौलाना तौकीर रज़ा का भड़काऊ बयान सामने आया है। मौलाना तौकीर रजा ने उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार और पीएम मोदी को खुली चेतावनी दी है। तौकीर रजा ने कहा है कि अगर उनके घरों पर बुलडोजर चला तो उनकी हिफाजत खुद करेंगे। लेकिन आपको बतादें कि उत्तराखंड के हल्द्वानी को लेकर जो धमकी भरे लहजे में मौलाना ने बयान दिया है वहां सिर्फ अवैध कब्जों पर ही बुलडोजर चला है और उन्हीं अवैध कब्जों को मौलाना तौकीर अपना घर बता रहे हैं। इतना ही नहीं तौकीर रजा ने यहां तक कहा है कि अगर कोई उनपर हमला करेगा तो वो उसे जान से मार देंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि अब किसी बुलडोजर को बर्दाशत नहीं किया जाएगा। मौलाना तौकीर रज़ा ने यूपी से लेकर उत्तराखंड तक माहौल बिगाड़ने का पूरा इंतजाम कर दिया है। यूपी के बरेली में तो हजारों की संख्या में लोग सड़को पर उतर आए हैं हालात को काबू में रखने के लिए इस्लामिया ग्राउंड में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

वहीं मुस्लिम युवक भी भारी संख्या में ग्राउंड पर पहुंचे हैं और नारेबाजी करते दिखाई दिए हैं। पुलिस ने मौलाना के आवास सहित प्रमुख सड़कों पर पुलिस बल को तैनात किया हुआ है. हालात की नजाकत को देखते हुए बरेली में स्कूलों में हाफ डे करते हुए बच्चों को छुट्टी दे दी गई. शहर के बीच रोडवेज बस अड्डे में बसों की आवाजाही भी बंद कर दी गई है. बसों को शहर से निकाल दिया गया है. दरअसल मौलाना तौकीर रजा ने ज्ञानवापी और मथुरा के धर्मस्थलों को लेकर दिए गए कोर्ट के आदेश से असहमति जताते हुए सामूहिक गिरफ्तारी देने का ऐलान किया था. नमाज पर जाने से पहले तौकीर रजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों का हनन हो रहा है. अगर कोई अपराधी है तो उसके मकान, मदरसा और मस्जिद पर बुलडोजर क्यों चलाया जा रहा है, इसका विरोध करेंगे. मौलाना तौकीर रजा ने यह भी कहा कि पुलिस और हिंदूवादी दल मुल्क को बर्बाद कर रहे हैं।

इसके खिलाफ जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा, जो देशव्यापी चलेगा. लेकिन इसकी शुरुआत बरेली से करेंगे. तौकीर रजा ने यह भी कहा कि सरकार चाहे तो मुझपर UAPA लगा सकती है. तौकीर रज़ा मुस्लिम समुदाय को भड़का कर सड़को बुलाया है जेल भरने की बात बोल रहे हैं लेकिन आपको बता दे कि तौकीर ने सिर्फ ज्ञानवापी और मथुरा की वजह से तौकीर रजा ने जहर उगला है… बल्कि ये और इसके जैसे दूसरे मौलाना और मुस्लिम नेता कई दूसरी बातों से भी भड़के हुए हैं। जिनमें राम मंदिर का बनना, वहां भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा होना उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होना जिसे ये कुरान के खिलाफ बताते हैं और हाल ही में भड़काउ भाषण देने के लिए मोलाना सलमान का गिरफ्तार होना, जिसने हिन्दुओं के लिए अपशब्द कहे थे। उघर इससे पहले AIMIM के चीफ अवैसी भी अपने कई भाषणों में बोल चुके हैं कि अगर कोई उनकी मस्जिदों की तरफ देखेगा तो ठीक नहीं होगा। यहां देखने वाली बात ये है कि मुस्लिम नेता से लेकर मौलाना तक सिर्फ और सिर्फ युवा मुस्लिमों को भड़काने और देश की आबो हवा में जहर घोलने का काम कर रहे हैं।

सामने आया Article 370 फिल्म का ट्रेलर, Youtube पर टूटे रिकार्ड्स

देश का कोई भी व्यक्ति आज तक वो दिन नहीं भूला, जब जम्मू- कश्मीर से अनु्च्छेद 370 (Article 370) को वर्तमान मोदी सरकार ने हटाया था, जिसके लिए देश की जनता ने पूरा श्रेय प्रधानमंत्री मोदी और ग्रह मंत्री अमित शाह देते हुए उनकी तारीफ की थी और 5 अगस्त 2019 का दिन भारत के इतिहास में ऐतिहासिक दिन बनकर हमेंशा के लिए दर्ज हो गया।

आर्टिकल 370 (Article 370) लगने से हटने के दौरान क्या कुछ हुआ था, उसी को ध्यान में रखते हुए ज्योती देशपांडे (Jyoti Deshpande) आदित्य धर ( Aditya Dhar) और लोकेश धर (Lokesh Dhar) की Most Awaited film Article 370 बड़े पर्दे पर अपना कमाल दिखाने के लिए तैयार है वही आपको बतादें कि इस फिल्म की रिलीज़ डेट 23 फरवरी रखी गई है। वही फिल्म का निर्देशन Aditya Suhas Jambhale के नेतृत्व में किया है।

यानी फिल्म के आने में अभी थोड़ा समय हैं लेकिन आर्टिकल 370 (Article 370) का ट्रेलर आ चुका हैं, जी हां 8 फरवरी को आर्टिकल 370 का ट्रेलर (Article 370 Trailer Release) किया जा चुका है। फिल्म का ऑफिशियल ट्रेलर 2 मिनट 40 सेकेण्ड का है Trailer ने Youtube पर 24 घंटे में 1.7 million views पार कर दिए हैं। ट्रेलर की बात की जाए तो, यामी गौतम लीड रोल निभाती नज़र आ रही हैं। बता दे यामी फिल्म मे NIA officer की भूमिका निभा रही हैं। Trailer की शुरुवात यामी के जबरदस्त Dialogue से होती हैं जिसमे वो कहती हैं इस Dialogue ने लोगों का दिल जीत लिया और यही नहीं इस Trailer में कई ऐसे Dialogue हैं जो दर्शकों को फिल्म की तरफ खींच रहे हैं। लेकिन उन Dialogue से पहले इस Trailer की खासियत की बात कर लेते है।

इसमें कोई Doubt नहीं की यामी गौतम अपना किरदार बखूबी से निभा रही हैं लेकिन इस Trailer की खास बात यह हैं की इसमें Poltical Angle भी देखा जा रहा हैं। जिसके कारण Political Leaders के Response भी आ रहे हैं..दरअसल ट्रेलर में दो और ऐसे किरदार देखे जा सकते हैं जिन्होनें ट्रेलर में जान डाल दी,मैं बात कर रही हूं भारत के प्रधानमंत्री मोदी का रोल निभाने वाले अरुण गोविल की और गृहमंत्री अमितशाह का रोल निभाने वाले किरण करमरकर की। जहाँ वो संसद में अमित शाह के किरदार में दिख रहे हैं और कहते हैं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर POK भी भारत का हिस्सा है, हम उसके लिए जान दे देंगे। अमित शाह के dialogue ने दर्शकों के रौगटें खड़े कर दिए जब उन्हेनें कहां “पूरा का पूरा कश्मीर,भारत देश का हिस्सा था, है और रहेगा“

यामी गौतम versatile actress के तौर पर जानी जाती हैं और इस ट्रेलर की बात की जाए तो ट्रेलर में यामी गौतम का काफी serious लुक में दिखाई दे रहा हैं। उनका मकसद पाकिस्तानी आंतकवादीयों के खिलाफ लड़कर आर्टिकल 370 (Article 370) हटाने तक का सफर दिखाया गया है इसके अलावा फिल्म में गोलीबारी, बम विस्फोट और पत्थरबाजी भी दिखाई गई है जो Article 370 हटने से पहले कश्मीर में आम बात थी। इसके साथ ही कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियां भी दिखाई गई हैं जिसमें ‘अल जिहाद’ के नारे लगाने वाला सीन आपका फोकस फिल्म से हटने नहीं देगा।
ट्रेलर की वाह-वाही Politician से लेकर Celebrity तक कर रहे है, फिल्म सें दर्शकों की काफी उमीद हैं जिसे यकीनन पूरा भी किया जाएगा ।

देवभूमि में साजिश के तहत हुआ हंगामा,धामी ने दिये “शूट एट साइट” के आदेश

उत्तराखंड मे हुई हिंसा अचानक नहीं भड़की, यह हिंसा को पूरा सोच समझकर एक समुदाय विशेष के लोगों ने इसे अंजाम दिया है और इसके सबूत भी अब सामने आ गए हैं। किन बातों से ये पता चलता है उन सब का खुलासा इस आर्टिकल में होने जा रहा है इसलिए आखिर तक इस आर्टिकल के साथ जुड़े रहे ताकी आपको पता चल सके की उत्तराखंड की शांति को आग लगाने वालों ने कैसे तैयारियां की हैं। लेकिन आपको बता दे किए हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने अब शूट एट साइट के ऑर्डर दे दिए हैं और दू टूत ये संदेश दिया है कि अगर कोई दंगा करता मिलेगा तो उसका दि एंड वहीं के वहीं हो सकता है। इस पूरी हिंसक घटना की शुरुआत होती है हल्द्वानी में अवैध मस्जिद-मदरसे पर बुलडोजर एक्शन से, हलद्वानी के बनभूलपुरा इलाके में नगर निगम ने मस्जिद ( MASJID) और मदरसे (MADARSE) को जेसीबी (JCB) मशीन से मिट्टी मे मिला दिया। इसके बाद हिंसा की आग इतने भयानक तरीके से फैली कि पूरे इलाके में दंगा शुरु हो गया, शहर छावनी में तब्दील हो गया और कर्फ्यू लगा दिया गया. लेकिन ये सब अचानक नहीं हुआ था। दंगे की ये साजिश पहले से रची गई थी, जिसे लेकर हल्द्वानी के प्रशासन ने बड़ा खुलासा भी कर दिया है. हल्द्वानी हिंसा पर नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने जो खुलासे किए हैं, वह किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं।

नैनीताल डीएम वंदना सिंह के खुलासे से ये साफ हो रहा है कि हल्द्वानी हिंसा के पीछे एक सोची-समझी साजिश थी. नैनीताल डीएम वंदना सिंह के मुताबिक, मस्जिद-मदरसे को ध्वस्त करने से पहले नोटिस दिया गया था. जब नोटिस दिया गया था, तब वहां इतनी भारी मात्रा में पत्थर नहीं थे. मगर एक्शन वाले दिन वहां पत्थरों का अंबार लगा हुआ था। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने के आधे घंटे बाद ही आगजनी हो गई और मस्जिद के आसपास के घरों वाले छतों से पुलिसकर्मियों और नगर निगम के अफसरों पर पत्थरों की बरसात होने लगी।

भव्य मंदिर तोड़कर मुगल शासक ने बनवाई थी मस्जिद, RTI ने किया बड़ा खुलासा

मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि को लेकर अहम जानकारी सामने आई है। पता चल गया है कि किस मुगल शासक ने मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई थी। ये खुलासा हुआ है एक RTI के जरिए, RTI यानी सूचाना के अधिकार के जवाब में Archaeological Survey of India ने बताया है कि परिसर में मुगल शासक औरंगजेब ने मस्जिद के लिए हिंदू मंदिर तोड़ा था। हालांकि, RTI के जवाब में विशेषरूप से ‘कृष्ण जन्मभूमि’ का जिक्र नहीं है, लेकिन केशवदेव मंदिर की बात कही गई है। कहा जा रहा है कि शाही ईदगाह हटाने के लिए जारी कानूनी जंग में RTI का जवाब अहम साबित हो सकता है।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के अजय प्रताप सिंह ने RTI दाखिल कर केशवदेव मंदिर को तोड़े जाने से जुड़ी जानकारी मांगी थी। इसके कृष्ण जन्मभूमि परिसर में होने का दावा किया गया था। RTI का जवाब ASI आगरा सर्किल के अधिकारी की तरफ से दिया गया था। इसमें पुष्टि की गई है कि विवादित स्थान पर केशवदेव मंदिर को मुगल शासक ने तोड़ दिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ASI ने मथुरा कृष्ण जन्मभूमि के 1920 गजट के ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स के आधार पर यह जानकारी दी है। इसमें गजट का कुछ अंश भी शामिल किया गया है, जिसमें कहा गया, ‘कटरा टीले के कुछ हिस्से जो नजूल के कब्जे में नहीं थे, जहां पहले केशवदेव का मंदिर था, उसे तोड़ दिया गया था और औरंगजेब की मस्जिद के लिए इस्तेमाल किया गया।’

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में से एक एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि वो अहम सबूत को इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेंगे। उन्होंने कहा, ‘ऐतिहासिक सबूत के आधार पर हमने अपनी याचिका में बताया है कि औरंगजेब ने 1670 में मथुरा में केशवदेव मंदिर को गिराने का फरमान जारी किया था।’

एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, ‘इसके बाद शाही ईदगाह मस्जिद का वहां निर्माण किया गया। अब ASI ने RTI के जवाब में जानकारी दी है। हम 22 फरवरी को अगली सुनवाई के दौरान ASI के जवाब को भी हाईकोर्ट में पेश करेंगे।’ उन्होंने कहा कि यह शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे की हमारी मांग को मजबूत करेगा।

संसद में पीएम मोदी की भविष्यवाणी लोकसभा में बीजेपी 370,NDA करेगा 400 पार

आखिर ऐसा क्या हुआ जो पूरा देश एक सुर में कह रहा है अबकी बार 400 पार। लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान अभी नहीं हुआ है, अभी आचार संहिता भी नहीं लगी है। लेकिन अपना दो कार्यकाल पूरा करने जा रही मोदी सरकार को लेकर इस तरह के दावें क्यों किए जा रहे हैं ?  आज आपको मोदी की वो रणनीति बतायेंगे जिसकी तारीफ सारी विपक्षी पार्टियां भी करती हैं। पहले कार्यकाल के बाद खुद समाजवादी पार्टी के दिवंगत मुखिया मुलायम सिंह यादव ने पीएम मोदी को चुनाव से पहले सदन में उनके दूसरे पारी की शुभकामनाएं दे दी थी, तो वहीं इस बार कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खडगे ऐसा कह रहे हैं। आखिर क्या वजह है राहुल गांधी पूरे देश को जोड़ने के लिए यात्रा पर निकले हुए हैं, लेकिन फिर भी कोई उनके साथ नहीं जुड़ रहा है।

अबकी बार 400 पार का नारा देने के पीछे क्या वजह है? ये बताने से पहले आपको बताते हैं आखिर राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा से कोई क्यों नहीं जुड़ रहा है। पहले आप इस वीडियो को देख लीजिए।

ये वीडियो भाजपा IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने X पर ट्वीट किया है, उन्होंने शेयर करते हुए लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पार्टी के बूथ एजेंटों की तुलना कुत्तों से की और यहां राहुल गांधी अपनी यात्रा में एक कुत्ते को बिस्किट खिला रहे हैं. जब कुत्ते ने नहीं खाया तो वही बिस्किट उन्होंने अपने कार्यकर्ता को दे दिया. वहीं अभी कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तुलना कुत्ते से की थी, जिस पर खूब विवाद हुआ था।

पीएम मोदी लगातार कांग्रेस के खत्म होने का दावा करते रहे हैं, उनके इस दावें पर कांग्रेसी उनकी हंसी उड़ाते थे। लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में ना जाने का फैसला। धारा 370 पर कांग्रेसियों का बयान, सर्जिकल स्ट्राइक को झूठा बताने का दावा, हिंदुओं को लगातार अपमानित करना। पूर्व वितमंत्री चिदंबरम का यूपीआई के मुद्दे पर सदन में देश की जनता को अनपढ़ बताना, पिछले 10 सालों में जिस तरह से कांग्रेस नेताओं ने हर मुद्दे पर देश को नीचा दिखाने की कोशिश की है। उसके बाद अब लोग मानने लगे हैं कि मोदी का दावा सही है, कांग्रेस के खत्म होने का समय आ गया है। दावा किया जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस खत्म हो जाएगी, जिस तरह से कांग्रेस उनके मास लीडर पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं और जिस तरह से राज्य दर राज्य कांग्रेस चुनाव हारती जा रही है। उससे ये दावा सही जान पड़ रहा है। तो क्या सच में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस खत्म हो जाएगी।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले हर्ष मंदर CBI हिरास्त में, लेकिन कांग्रेस के क्यों पसीने छूटे?

नई दिल्ली: CBI ने 2 फरवरी को एक एनजीओ पर छापा मारा जिससे बाद कांग्रेस में हलचल बहुत बढ़ गई है, क्योंकि ये छापे हर्ष मंदर के घर और आफिस पर पड़े थे। शायद आप हर्ष मंदर को नहीं जानते होंगे। तो आपको बता दें कि हर्ष मंदर यूपीए सरकार के दौरान सोनिया गाँधी के अगुआई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य थे। सीबीआई के इस छापे की चर्चा बहुत ज्यादा नहीं हुई ना ही किसी बड़े नेता का बयान भी सामने आया लेकिन अंदरखाने इस छापे को लेकर माहौल गर्म है।

सितंबर 2021 में ED ने हर्ष मंदर के एनजीओ ‘अमन बिरादरी’ से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जाँच शुरू की थी। उस दौरान भी हर्ष मंदर के आवास पर छापा मारा गया था। दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत के बाद विदेशी अंशदान अधिनियम (FCRA) के अलग-अलग प्रावधानों के उल्लंघन के लिए अमन बिरादरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। नियम के मुताबिक, विदेशी फंडिंग लेने वाले सभी एनजीओ को गृह मंत्रालय के एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है। अब आपको बताते हैं कि हर्ष मंदर की एनजीओ अमन बिरादरी क्या करती हैं। इस एनजीओ की वेबसाइट के अनुसार, अमन बिरादरी एक ‘जमीनी स्तर का आंदोलन’ है जो एक धर्मनिरपेक्ष, शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण और दयालु दुनिया बनाने के लिए समर्पित है। वेबसाइट का कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गाँव और जिला स्तर पर समुदाय-आधारित संगठनों की स्थापना करना था, जिसमें अलग-अलग पृष्ठभूमि- धर्मों के युवा और महिलाएँ शामिल हों। इसमें आगे कहा गया है कि इन संगठनों का लक्ष्य विभिन्न धर्मों, जातियों और भाषाई समूहों के व्यक्तियों के बीच सहिष्णुता, भाईचारा, सम्मान और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है।

2023 में जब गृह मंत्रालय ने हर्ष मंदर के एनजीओ अमन बिरादरी की जांच की तो उसे यहां बड़े घपले का पता चला। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने एफसीआरए उल्लंघन को लेकर हर्ष मंदर के एनजीओ के खिलाफ सीबीआई जाँच की सिफारिश कर दी। हर्ष मंदर खुद को वामपंथी ‘कार्यकर्ता’ बताते हैं। भारत की न्यायपालिका को बदनाम करने और देश के खिलाफ मुस्लिम भीड़ को उकसाने का उनका इतिहास रहा है। हर्ष मंदर का मार्च 2020 में भारत और देश की न्यायपालिका के खिलाफ मुस्लिम भीड़ को उकसाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद वे विवादों में आ गए थे, इस वीडियो में मंदर ने कहा था कि भारत के मामलों से संबंधित निर्णय सुप्रीम कोर्ट या संसद द्वारा नहीं, बल्कि सड़कों पर दिए जाएँगे। इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने हर्ष मंदर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। इस हलफनामे में हर्ष मंदर पर न केवल हिंसा भड़काने, बल्कि न्यायपालिका को बदनाम करने का आरोप लगाया था। हर्ष मंदर के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की भी माँग की गई थी। हर्ष मंदर के बारे में आपको बता दें कि उन्होंने लगभग दो दशकों तक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में काम किया था। साल 2002 में गुजरात में उन्होंने ‘राज्य प्रायोजित दंगों’ का आरोप लगाकर सेवा छोड़ दी थी। आईएएस छोड़ने के बाद से कहा जाता है कि हर्ष मंदर ने ‘सिविल सोसायटी’ संगठनों में काफी समय बिताया, उन्होंने एक्शनएड इंडिया के कंट्री डायरेक्टर के रूप में काम किया है।आगे चलकर हर्ष मंदर कॉन्ग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए शासन में महत्वपूर्ण भूमिका में आ गए। यूपीए शासन के दौरान तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी के नेतृत्व में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC) की स्थापना की गई थी। हर्ष मंदर इसके सदस्य थे। NAC ने ही हिंदू विरोधी सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का मसौदा तैयार किया था।

दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले अक्टूबर 2022 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने FCRA कानूनों के उल्लंघन के लिए कॉन्ग्रेस नेता सोनिया गाँधी की अध्यक्षता वाले दो गैर-सरकारी संगठनों- राजीव गाँधी फाउंडेशन (RGF) और राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट (RGCT) का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था।हर्ष मंदर लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी इशरत जहाँ के समर्थक थे। यह तो सभी जानते हैं कि इशरत को गुजरात में अपराध शाखा के अधिकारियों ने तीन अन्य लोगों के साथ एक मुठभेड़ में मार गिराया था। हर्ष मंदर उन व्यक्तियों में से एक थे, जिन्होंने मुंबई हमले के आतंकवादी याकूब मेमन के लिए दया याचिका पर हस्ताक्षर किए थे। वह उन 203 व्यक्तियों में से थे जिन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब के लिए दया याचिका पर हस्ताक्षर किए थे।इतना ही नहीं, हर्ष मंदर ने संसद पर आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरु के लिए भी दया याचिका पर हस्ताक्षर किए थे। बाद में अजफल को फाँसी दे दी गई थी। मंदर ने कई मामलों में न्यायिक हस्तक्षेप भी किए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को डिटेंशन की स्थिति और असम से अवैध प्रवासियों के निर्वासन से संबंधित मामले की सुनवाई से अलग करने की माँग की थी।

हर्ष मंदर उन 40 ‘कार्यकर्ताओं’ में से एक थे, जिन्होंने अयोध्या फैसले के खिलाफ अदालत में समीक्षा याचिका दायर की थी। सुप्रीम के इस फैसले से ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का रास्ता साफ हुआ था। वह उस मंडली का भी हिस्सा थे, जिसने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ याचिका दायर की थी।हर्ष मंदर ने यह सब कुछ विदेशी वित्त पोषित एनजीओ से जुड़े रहते हुए किया। हर्ष मंदर ने अपने संगठन ‘कारवां-ए-मोहब्बत’ के साथ  AMU में हुई हिंसा पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें वहाँ के छात्रों को सभी दोषों से मुक्त कर दिया गया था और उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ कई झूठ फैलाए गए थे। बाद में यह पूरी रिपोर्ट ही झूठी निकली।हर्ष मंदर ने CAB पारित होने पर खुद को मुस्लिम के रूप में पंजीकृत करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि CAB के CAA बनने के बाद उन्होंने अपना वादा पूरा किया है या नहीं। उन्होंने एनआरसी और असम में विदेशी न्यायाधिकरण के बारे में भी बड़ा झूठ फैलाया है।

इससे पहले हर्ष मंदर उस मंडली का हिस्सा थे, जिसने CAB के खिलाफ पत्र लिखा था। हर्ष मंदर और उनका एनजीओ ‘कारवां-ए-मोहब्बत’ शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन में सक्रिय थे। कारवां-ए-मोहब्बत ने लोगों से शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की थी।