DESK: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी जन सुराज यात्रा पर हैं। इस दौरान वे गोपालगंज पहुंचे हैं। गोपालगंज में पीके ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। पीके ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए मर्यादा की सारी सीमा लांघ गये। पीके ने नीतीश कुमार के बारे में कुछ ऐसा कह दिया, जिसे सियासी रूप से भी सही नहीं कहा जा सकता। पीके ने नीतीश कुमार की गरिमा और पद का भी ख्याल नहीं रखा। कभी मुख्यमंत्री को पिता तुल्य बताने वाले पीके के इस व्यवहार की काफी आलोचना हो रही है।
जेडीयू में कभी दो नंबर की कुर्सी पर विराजमान रहे पीके ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला। पीके ने तू-तड़ाक की भाषा का प्रयोग करते हुए बड़ी बातें कह डाली। पीके ने नीतीश कुमार को पलटी मार राजनीति करने वाला बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने लोगों को तीन बार ठगा है। पीके ने कहा कि सबसे पहले 2015 में छोड़कर भागा। हमने जेडीयू को 2019 में सांसद का 17 सीट दिलवाया।
पीके ने कहा कि ये आदमी (नीतीश कुमार) जब मोदी जी जीत कर आ गए तो ये हमको समझाने लगा। अभी तो मोदिए का हवा है, अभी रुकिये न अभी थोड़ा दिन रुकिए न इसी में। पीके ने पुरानी बात को सामने लाते हुए कहा कि नीतीश ने दूसरा धोखा दिया। जब हम उनकी पार्टी में दूसरे नंबर पर थे। हम ही ना चला रहे थे। हमको समझा रहा है कि अभी नरेंद्र मोदी का बहुत प्लान है। अभी नहीं छोड़ा जाएगा। बाद में देखा जाएगा |
पीके ने एनआरसी के मुद्दे पर खुलासा करते हुए कहा कि पार्टी में तय हुआ था कि हम लोग सीएए और एनआरसी के विरोध में हैं। नीतीश कुमार की पार्टी और खुद नीतीश कुमार ने मोदी के पक्ष में सीएए और एनआरसी पर वोट किया। आप लोग कह रहे हैं कि नीतीश कुमार पर भरोसा कीजिए। एक आदमी पर कितने बार भरोसा कीजिएगा? एक ही आदमी पर भरोसा करते रहें और ठगाते रहें?