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अचानक गिरने लगा Bitcoin, राजनीतिक दबाव का कितना असर ?

दुनिया की सबसे बड़ी और नामी cryptocurrency bitcoin में बीते एक हफ्ते से लगातार  गिरावट दर्ज हो रही है। क्रिप्टो मार्केट में ये गिरावट.

दुनिया की सबसे बड़ी और नामी cryptocurrency bitcoin में बीते एक हफ्ते से लगातार  गिरावट दर्ज हो रही है। क्रिप्टो मार्केट में ये गिरावट ऐसे वक्त में सामने आ रही है जब भारतीय स्टॉक मार्केट में Up trend बना हुआ है। वैसे तो मार्केट में कई तरह की crypto currency लेकिन बिटक्वॉन का आधे से अधिक Crypto Market पर कब्जा है, यानी Bitcoin की गिरावट का असर बाकी क्रिप्टो पर पर भी दिखता है। बिटक्वॉइन टूटकर 55 हजार डॉलर के नीचे आ गया है जिसके बाद ऐथर और XRP में भी तेज गिरावट दर्ज की गई। Bitcoin पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के चलते भी दबाव है। इसकी वजह ये है कि अमेरिका में इस समय अगले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर काफी गहमा-गहमी है और राजनीतक तौर पर काफी उठा-पटक दिख रही है।

Crypto Traders को इस समय कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जैसे कि अमेरिकी Bitcoin एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की मांग घट रही है। इसके अलावा सरकारें जब्त किए गए टोकन को बाहर निकाल रही है और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के चलते  राजनीतिक दबाव भी Crypto Currency पर दिख रहा है। इन सबके अलावा सबसे अहम तो ये है कि बंद हो चुके एक्सचेंज Mt. Gox के एडमिनिस्ट्रेटर क्रेडिटर्स को बड़ी संख्या में किश्तों में बिटक्वॉइन लौटा रहे हैं। हालांकि मार्केट को अभी तक यह नहीं पता है कि 800 करोड़ डॉलर में से कितने Bitcoin वापस आएंगे। अरखम इंटेलिजेंस के मुताबिक 270 करोड़ डॉलर के टोकन बाहर निकाले गए।

Crypto Investors इस समय काफी सावधानी के साथ ट्रेड कर रहे हैं. जिसका असर गलु पर दिख रहा है, आपको बता दें कि Bitcoin के बाद दूसरी सबसे बड़ी करेंसी ऐथर के ETF को लेकर US regulator क्या फैसला लेता है, इस पर भी निगाहें बनी हुई हैं। Bitcoin के ETF को जब मंजूरी मिली थी तो पूरे क्रिप्टो मार्केट में रौनक हो गई थी। बिटक्वॉइन खुद सरपट दौड़ने लगा था और मार्च में 73,798 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।

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