हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने अपने नए प्रदेशाध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया है. सोनीपत के राई से विधायक मोहन लाल बड़ोली के हाथों में हरियाणा की कमान सौंपी गई है. हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है. नए प्रदेश अध्यक्ष बड़ोली को मनोहल लाल खट्टर और मौजूदा सीएम नायब सैनी के करीबियों में गिना जाता है. लोकसभा चुनावों में कांग्रेस से मिली कड़ी टक्कर के बाद अब बीजेपी हरियाणा में नॉन जाट वोटरों पर फोकस कर रही है और इसी वजह से भी मोहन लाल को नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है. प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के बाद मोहन लाल बड़ोली ने दिल्ली में जेपी नड्डा से मुलाकात की है.मोहन लाल बडौली अभी विधायक हैं और हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें सोनीपत से उम्मीदवार बनाया था. हालांकि वह चुनाव हार गए थे. हरियाणा में विधानसभा चुनाव करीब है, ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष बदलकर बीजेपी ने बड़ी चाल चली है. मोहन लाल बडौली ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, जानकार कहते है कि बडौली पर दांव लगा कर बीजेपी ने खुद को नॉन जाट वोटर के बीच प्रमोट किया है.
बडौली की बात करें तो अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही वो बीजेपी के साथ रहे हैं. साल 1995 में मोहन लाल बडौली को मुरथल का मंडल अध्यक्ष चुना गया था. इसके बाद वो जिला परिषद के लिए चुने गए थे.
2019 में मोहन लाल बडौली ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वह राई विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर जीतने वाले पहले नेता हैं. मोहन लाल बडौली RSS के भी करीब हैं, सन 1989 में वो संघ से जुड़ गए थे.
मोहन लाल बडौली का जन्म 1963 में हरियाणा के सोनीपत जिले के बडौली गांव में हुआ था. मोहन लाल ने अपनी पढ़ाई भी सोनीपत से ही पूरी की है. इसके बाद वो एक कपड़ा मार्केट में दुकान चलाने लगे. 1989 में RSS में शामिल हुए और उसके बाद बीजेपी में शामिल हो गए. जब हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल का राज हुआ करता था, उस दौरान मुरथल से जिला परिषद का चुनाव जीतने वाले वो पहले बीजेपी नेता थे.
विधायक चुने जाने के बाद मोहन लाल को 2020 में बीजेपी ने सोनीपत का जिला अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. इसके बाद 2021 में उन्हें प्रदेश महामंत्री भी बना दिया गया. यानी 2021 में ही मोहन लाल बडौली को बीजेपी हरियाणा की कोर टीम में शामिल कर लिया गया था.
हरियाणा में बीजेपी ने गैर जाट को प्रदेश अध्यक्ष पद देकर यह संदेश दे दिया है कि वह गैर जाटों को एकजुट करने की कोशिश करेगी. हरियाणा में जाट वोटरों की संख्या करीब 27 फीसदी है. लेकिन इस समय भाजपा में किसी भी बड़े पद पर कोई जाट नेता हरियाणा में नहीं है.