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BJP प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर साधा निशाना… जानिए क्या कहा

नीतीश कुमार जी ने हिन्दुओं को बार-बार अपमानित करवाने से कौन सा समाजिक सद्भाव बढ़ता है...

AARYAA NEWS ASSIGNMENT: बीजेपी प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने पत्रकारों से बात कर बिहार के शिक्षामंत्री पर साधा निशाना, साथ ही तथ्यों के साथ झूठ का किया भंडाफोड़, तो वही शिक्षामंत्री चन्द्रशेखर को तथ्यों के साथ दिखाया आइना, और मुख्यमंत्री नीतीश से सवाल पूछते हुए कहा की उन्होंने क्यों ऐसे व्यक्ति के हाथों में राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सौंप हैं.

तो वही शिक्षामंत्री के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने पूछा नीतीश कुमार से पूछा की समाजिक सद्भाव की माला जपने वाले नीतीश कुमार जी ने हिन्दुओं को बार-बार अपमानित करवाने से कौन सा समाजिक सद्भाव बढ़ता है?

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बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर द्वारा रामचरितमानस को नफरत फ़ैलाने वाली किताब बताये जाने पर भाजपा प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने मीडिया के जरिए उन्हें तथ्यों के साथ आईना दिखाया है. उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षामंत्री द्वारा प्रभु श्री राम के जीवन चरित ‘रामचरितमानस’ के खिलाफ दिए गये घृणित बयान पर किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए. यह उसी टोले के हैं जिन्हें आज तक आतंकवादियों का धर्म नहीं दिखायी दिया है.

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उन्होंने लिखा कि पूरी चौपाई है – “हर कहुँ हरि सेवक गुर कहेऊ। सुनि खगनाथ हृदय मम दहेऊ॥
अधम जाति मैं बिद्या पाएँ। भयउँ जथा अहि दूध पिआएँ”॥3॥ भावार्थ:-गुरुजी ने शिवजी को हरि का सेवक कहा। यह सुनकर हे पक्षीराज! मेरा हृदय जल उठा। नीच जाति(कौवा) का मैं विद्या पाकर ऐसा हो गया जैसे दूध पिलाने से साँप॥3॥ सुरेंद्र कुमार सिंह ने लिखा कि यहां कौवारुपी काकभुशुंडी अपने को नीच कह रहा है, लेकिन बिहार के शिक्षामंत्री इसका अर्थ हिंदू समाज को बांटने के लिए कर रहे हैं.

भाजपा प्रवक्ता ने आगे लिखा कि मेरे हिसाब से राजद के ‘जातिविशारदों’ को महर्षि वाल्मीकि की जाति पता होगी ही।बहरहाल चन्द्रशेखर जी की ज्ञान की धज्जियां अगली चौपाई ही उड़ा देती है जिसमें काक भुशुंडी कहते हैं कि “मानी कुटिल कुभाग्य कुजाती। गुर कर द्रोह करउँ दिनु राती॥

अति दयाल गुर स्वल्प न क्रोधा। पुनि पुनि मोहि सिखाव सुबोधा”॥4॥ भावार्थ:-अभिमानी, कुटिल, दुर्भाग्य और कुजाति (कौवा)मैं दिन-रात गुरुजी से द्रोह करता। गुरुजी अत्यंत दयालु थे, उनको थोड़ा सा भी क्रोध नहीं आता। (मेरे द्रोह करने पर भी) वे बार-बार मुझे उत्तम ज्ञान की ही शिक्षा देते थे॥4॥

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उन्होंने लिखा कि एक साथ लिखे रामचरितमानस इन दोनों चौपाइयों को पढ़कर आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि रामचरितमानस नफरत की किताब है या चन्द्रशेखर और उनकी पार्टी राजद नफरत की दूकान। भाजपा प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने आगे लिखा कि यह सोचने का विषय है कि जिस व्यक्ति के मन में हिन्दुओं के लिए इतना जहर भरा हो तथा जिसका ज्ञान इतना अल्प हो वह राज्य की शिक्षा व्यवस्था को कैसा जहरीला बना सकता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश जी को बताना चाहिए कि क्यों वह ऐसे व्यक्ति के हाथों में राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सौंप कर युवाओं के भविष्य को रसातल में पहुंचा देना चाहते हैं? उन्होंने पूछा कि समाजिक सद्भाव की माला जपने वाले नीतीश जी को बताना चाहिए कि हिन्दुओं को बार-बार अपमानित करवाने से कौन सा समाजिक सद्भाव बढ़ता है?

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शिक्षामंत्री को बर्खास्त करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश जी में यदि हिन्दुओं के प्रति थोड़ी सी भी संवेदना होगी तो उन्हें इस शिक्षामंत्री को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए. लोग जानते हैं कि यदि उन्होंने रामचरितमानस के बजाए किसी अन्य धर्मविशेष की धार्मिक किताब पर ऐसी टिप्पणी की होती तो नीतीश जी कब का चन्द्रशेखर जी को किनारे लगा चुके होते और चंद्रशेखर के खिलाफ सर तन से जुदा के नारे पूरे बिहार में गूंज रहे होते.

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