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CORONA UPDATES|| Aaryaa News

दिल्ली में नहीं थम रहा कोरोना का कहर।

एक ही दिन में हुए 90 हजार टेस्ट, जिनमें से 1361 मिले पॉजिटिव केस।

जल्द आ सकती है कोरोना वैक्सीन।

बीजेपी चीफ की सुरक्षा में लापरवाही का मामला : बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों की केंद्र में हुई तैनाती

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों पर बड़ा फैसला लेते में हुए उन्हें केंद्र में तैनात कर दिया है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मिलने के बाद उनकी सुऱक्षा में लापरवाही बरतने के लिए बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को तलब किया था। लेकिन ये अधिकारी इसका जवाब देने के लिए हाजिर नहीं हुए। इसके बाद गृह मंत्रालय ने सख्त कदम उठाते हुए इन तीन अधिकारियों को दिल्ली बुला लिया। इसके बाद ममता का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। इस बार ममता बनर्जी ने इन अधिकारियों को दिल्ली भेजना से साफ मना कर दिया। अंततः केंद्र सरकार की ओर से इन 3 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एक और कदम उठाया गया। जिसके बाद इन अधिकारियों के पास कोई रास्ता ही नहीं बचा है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेपी नड्डा के सुरक्षा के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्र में तैनात करने का आदेश जारी कर चुका है। यह आदेश IPS कैडर नियम 6(1) के तहत जारी किया गया है। अब इसको लेकर एक बार फिर सीएम ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर भड़क गई हैं। ममता बनर्जी को केंद्र सरकार के द्वारा भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि इन तीनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से कार्य मुक्त कर दिया जाए।

ममता सरकार ने जिन तीन अधिकारियों को केंद्र के बुलावे पर भेजने से मना कर दिया था उसके नाम हैं राजीव मिश्र, प्रवीण कुमार त्रिपाठी और भोलानाथ पांडे। अब इनके खिलाफ ही ये कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय की तरफ से पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि अगर इन तीन अधिकारियों को प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त नहीं किया तो यह IPS कैडर नियम 6(1) का उल्लंघन होगा।

किसान आंदोलन : शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा- प्रधानमंत्री चाहें तो 5 मिनट में हल हो जाएगा मसला

नई दिल्ली। शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी किसान आंदोलन में हस्तक्षेप करें, तो यह पांच मिनट में मामले का हल निकल जाएगा। संजय राउत ने कहा कि सरकार अगर चाहे तो किसानों के साथ बैठकर आधे घंटे में यह मसला खत्म कर सकती है। प्रधानमंत्री खुद हस्तक्षेप करेंगे तो यह पांच मिनट में हल हो जाएगा। मोदी जी इतने बड़े नेता हैं उनकी बात सब लोग मानेंगे। आप (पीएम) खुद बात कीजिए, देखिए क्या चमत्कार होता है।

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों को लेकर किसानों प्रदर्शन आज भी जारी है। लेकिन अभी तक सरकार और किसानों के बीच कोई हल नहीं निकल पाया है।

 

16 दिसंबर 2012 की वो मनहूस रात, निर्भया की मां के हौसले बुलंद

16 दिसंबर 2012 की रात देश के लिए किसी मनहूस रात से कम नहीं थी। आज इस कांड को पूरे 8 साल हो चुके है, मगर हमारे जहन से आज भी वो दिल्ली की दर्दनाक तस्वीरें उतरी नहीं है । हर मां बाप की आंखों में खौफ के आंसू आज भी है। दिल्ली की दौड़ती सड़कों पर इस घिनौनी हरकत के बाद भी हर दिन बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे है। देश की ना जाने कितनी बेटियों ने अपनी जान गवाई है और बार बार प्रशासन को याद दिलाना पड़ा है कि बस अब और नहीं । मगर 2012 हो या 2020 हाल कुछ बदले नहीं है आज भी बच्चियां अपनी इज्जत का बलिदान दे रही है।

आज निर्भया की मां आशा देवी ने अपनी बलात्कारियों के खिलाफ शुरू की अपनी मुहिम के लिए कहा कि मेरी बेटी को इंसाफ मिल गया है और चार दोषियों को फांसी हुई। 2012 के बाद मैं आठ साल तक लड़ी। हम आगे भी दूसरी बच्चियों के इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे। जो हर साल हम प्रोग्राम करते थे इस साल कोरोना की वजह से नहीं कर पाएंगे लेकिन ऑनलाइन प्रोग्राम करेंगे।

आगे उन्होंने कहा कि किसी के भी मन में कानून का खौफ नहीं है। कानूनों में जो भी कमियां हैं उसे सरकार और कानून जल्द दूर करे। जब हमारा सिस्टम और सरकार जिम्मेदारी से काम करेगा तभी अपराध रुकेंगे। निर्भया केस का फैसला बेशक हो गया लेकिन इससे देश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है।

 इतना ही नहीं निर्भया के पिता ने हादसे की याद में एनजीओ सेव द चिल्ड्रन तथा युवा की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन पेटिशन में शामिल होते हुए कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने ये भी कहा की इस से पहले मुझे बोलते हुए नहीं सुना होगा। आज मैं समझता हूं मेरी आवाज सुनना आपके लिए जरूरी है। मेरा नाम बद्रीनाथ सिंह है। उस हादसे के बाद मुझे निर्भया के पिता के रूप में ही जाना गया। और आगे भी मुझे जीवन भर इसी पहचान से जाना जाएगा

आगे निर्भया के पिता ने कहा कि आठ साल पहले जब मेरी बेटी मुझसे छीन ली गई तो महिलाओं की अगुवाई में लोग सड़कों पर उतरे और इंसाफ के लिए मेरे परिवार की लड़ाई को अपनी लड़ाई बना लिया। मैंने सोचा था यह केस हमारे देश को हमेशा के लिए बदल देगा लेकिन आज भी समाचार देखता हूं तो हर दिन किसी न किसी बेटी से दरिंदगी की खबर होती है। निर्भया के बाद भी कुछ नहीं बदला है।

 

अब यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल ने कर दिया ऐलान

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी अब 2022 में उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यह ऐलान किया। केजरीवाल ने कहा कि यूपी की जनता पुरानी राजनीति से त्रस्त हो चुकी है। इसलिए अब उत्तर प्रदेश की जनता आम आदमी पार्टी के साथ खड़ी होगी।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों ने अब तक गंदी राजनीति देखी है, ऐसे में अब उसे नया मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य में अच्छी सुविधाएं क्यों नहीं हो सकती हैं। यूपी में मोहल्ला क्लीनिक, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी क्यों नहीं मिल सकता है। दिल्ली में यूपी के काफी लोग रहते हैं और उन्होंने उनसे अपील की है कि यूपी में भी दिल्ली जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए।

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को उत्तर प्रदेश में काफी पहले से सक्रिय कर दिया है। आप से राज्यसभा के सदस्य तथा उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह लगातार योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला भी बोल रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- पूरा कानून खत्म करना विकल्प नहीं, संवाद से निकाला जा सकता है हल

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सिर्फ संवाद से ही मसलों का हल निकाला जा सकता है। पूरा कानून खत्म कर देना कोई विकल्प नहीं हो सकता है।

बता दें कि किसानों के प्रदर्शन के मद्देमजर दिल्ली हरियाण बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के साथ रैपिड एक्शन फोर्स की भी तैनाती कर दी गई है। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को प्रदर्शन आज 20वें दिन भी जारी है। किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं और किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों के रद्द करने से कम किसी भी कीमत पर कुछ भी उन्हें मंजूर नहीं है।