मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी ही धुन में मस्त हैं . ऐसा लग रहा है कि सीएम का मुख्य काम सिर्फ अब यूपी में दुकानों और ठेलों पर नाम लिखवाना ही रह गया है क्या आप जानते है कि प्रदेश में सही स्वास्थय व्यव्सथा ना होने की वजह से हर दिन कई मासूमों की जान जा रही है लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ जी तो अपनी ही धुन में मस्त हैं उनको इन सब से कोई लेना देना नहीं है कि प्रदेश की स्वास्थय व्यवस्था कैसी चल रही है. ऐसा कहना है नगीना से लोकसभा सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण का दोस्तों इस वक्त जो उत्तर प्रदेश में चल रहा है वो पूरा देश देख रहा है कि. किस तरह एक सरकारी फरमान सदियों से चली आ रही गंगा-जमनी तहजीब को तार तार कर देता है. और इसकी शुरूआत होती है यूपी के जिले मुजफ्फरनगर से, और बाद में इसे पूरे प्रदेश भर में लागू कर दिया जाता है.जिसमें ये कहा जाता है कि सभी दुकान, ठेली, पटरी वालों को अपनी दुकान के सामने अपना नाम लिखवाना होगा. जिससे ग्राहक को पता चल सके कि आपका मज़हब क्या है. सीधे सीधे ये बात हर किसी को समझ आती है कि ये आदेश किस लिए पूरे यूपी भर में जारी किया गया है.हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी है और ये साफ कर दिया है कि ये आदेश समाज में विभाजन पैदा करने वाला है और इसे तत्काल रोका जाए
खैरआज हम इसपर बात नही करेंगे. ये एक बड़ी बहस का विषय है फिर किसी दिन इसपर हम तफसील से बात चर्चा करेंगे,आज जिस मुद्दे को हम आपके सामने लेकर आए है उसको उठाया है सांसद चंद्रशेखऱ रावण ने,और ये मुद्दा वाक्ई में इस वक्त उठना चाहिए. क्योंकि बात इसमें ना हिंदू की है ना मुस्लमान की है बात इसमें किसी नवजात शिशू की जान से जुड़ी हुई है, बात हमारे प्रदेश की स्वास्थय व्यवस्था से संबधित है, कि किस तरह यूपी के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी के कारण छोटे छोटे बच्चें अपना दम तोड़ रहै हैं.
दरअसल आज यूपी चंद्रखेशर रावण ने यूपी की योगी सरकार की सच्चाई जनता के सामने ला कर रख दी, उनहोंने प्रदेश में धड़्डले से चल रही स्वास्थय की कुव्यव्सथा के कुशासन पर सरकार को घेरा है, उनहोंने एक्स पर एक पोस्ट लिखा है इसमे रावण द्वारा वो बात कही गई है जिस से प्रदेश की आम जनता का लेना देना है, दऱअसल चंद्रशेखर ने आज एक अखबार की कटिंग को अपने अकाउंट से साझा किया है जिसकी हेडलाइन में लिखा है.पिडियाट्रिक वेंटिलेटर के लिए भटर रहे मां-बाप राजधानी लखनऊ का ये अखबार का एडिशन है जिसमें साफ साफ बताया गया है कि किस तरह यूपी के सरकारी असपतालों में पीडियाट्रिक वेंटिलेटर को लेकर मारामारी मची है किस हास्पिटल में कितने बेड हैं उन इन चंद वेंटिलेटर पर पूरे प्रदेश से आने वालों बच्चों का लोड है। गंभीर बच्चों को समय पर वेंटिलेटर न मिल पाने से आए दिन बच्चे दम तोड़ रहे हैं.
इसके उपर चंद्रशेखऱ आजाद ने लिखा
बेहद पीड़ादायक।…ये हाल उस प्रदेश की “राजधानी”का है जिसके मुख्यमंत्री शहरों व संस्थानों का नाम बदलने और दुकानों और ठेलों पर नाम लिखवाने का काम प्राथमिकता से कर रहे हैं। देश ने अभी हाल ही में कोरोना जैसी महामारी को झेला जिसके कारण अनगिनत लोगों की जान गई यद्धपि ये कम हो सकती थी अगर स्वास्थ्य व्यवस्था अच्छी होती पर उस त्रासदी के बाद भी इनकी आंखे नही खुली, योगी जी उन माता-पिता का दर्द नहीं समझ पाएंगे जिनके बच्चों की जान स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली के कारण जा रही हैं क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तो अपनी ही धुन में मस्त हैं।
दोस्तो आपको याद होगा कि किस तरह अभी हाल ही में हाथरथ भगदड़ कांड में जो लोग मरे थे उसमें से कई कि जान तो इसलिए ही गई थी.क्योंकि जिस सरकारी ट्रामा सेंटर में उनको ले जाया गया था वहां ना तो डाक्टर मौजूद थे और ना ही बेड.उस समय भी यूपी के स्वास्थय महकमें पर इस तरह के सवाल उठे थे ओर अब भी इस तरह के सवाल उठ रहे है… लेकिन सरकार का घ्यान इस ओर नही जा रहा है.इसलिए आज चंद्रशेखऱ रावण ने इस ओर सरकार को ध्यान देने के लिए चेताया है और सरकार के तंत्र पर भी तमाम तरीके के सवाल खड़े किये है