दिल्ली। कृषि कानूनों पर अब सड़क से लेकर संसद तक हंगामा दिख रहा है। कृषि कानूनों के खिलाफ में पिछले दो महीनों से प्रद्रशनकारी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं।
सड़कों पर एक ओर जहां अन्नदाता कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं, वहीं संसद में विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, जिसकी वजह से मंगलवार को भी कई बार संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
आज यानी बुधवार का दिन किसान आन्दोलन के लिए निर्णायक दिन साबित होने वाला है, क्योंकि आज हरियाणा के जिंद में किसानों की महापंचायत है, जहां आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के समर्थन में हरियाणा के जींद जिले में किसानों की महापंचायत में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन को और धार देने के लिए महापंचायत के मंच से राकेश टिकैत हुंकार भरेंगे और आगे की रणनीति का ऐलान करेंगे।
सर्वजातीय कंडेला खाप के प्रमुख टेकराम कंडेला ने बताया कि कार्यक्रम के लिए जींद के कंडेला गांव में पर्याप्त व्यवस्था की गई है। टिकैत के अलावा कई खाप नेता भी इसमें शामिल होंगे। कंडेला ने कहा कि किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए यह बड़ा जमावड़ा होगा।