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कश्मीर से छुट्टी पर लौटने वाले CRPF जवान करेंगे MI-17 की सवारी, पुलवामा जैसे हमले को रोकने के लिए MHA का फैसला

पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की दूसरी बरसी (14 फरवरी) के कुछ दिनों बाद भारत सरकार ने कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के लिए खास सुविधा प्रदान की है। 

पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की दूसरी बरसी (14 फरवरी) के कुछ दिनों बाद भारत सरकार ने कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के लिए खास सुविधा प्रदान की है। कश्मीर में तौनात जवान अगर छुट्टी पर जाएंगे तो उनको संभावित आईईडी हमलों से बचने के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर के माध्यम से नजदीकी गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा।

 

यह निर्णय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा लागू किया गया था।  गुरुवार को सीआरपीएफ द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है।

 

आदेश में कहा गया है, “मैग्नेटिक आईईडी और आरसीआईईडी के खतरे के मद्देनजर काफिले पर आईईडी हमले के जोखिम को कम करने के लिए छुट्टी पर घर लौट रहे जवानों को एमआई-17 हेलीकॉप्टर के माध्यम से नजीक के गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। सप्ताह में तीन दिन परिवहन के लिए निर्धारित किए गए हैं।” CRPF ने अपने जवानों को एक पत्र जारी किया जिसमें हेलीकॉप्टर सुविधा प्राप्त करने के प्रारूप का विवरण दिया गया है।

आपको बता दें कि 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने दक्षिण कश्मीर में पुलवामा के पास जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर CRPF के काफिले को निशाना बनाया। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। अब इस नई सुविधा से जवानों को सड़क मार्ग से काफिला में यात्रा से बचने में मदद मिलेगी।

पत्र में लिखा गया है, “जवानों को हेलीकॉप्टर सुविधा प्राप्त करने के लिए अपनी यूनिट को सूचित करना होगा और कम से कम एक दिन पहले अनुरोध प्रस्तुत करना होगा।”

CRPF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, “यह एक लंबे समय से लंबित निर्णय था, जिसे लागू कर दिया गया है। अब, जवानों और अधिकारियों को एक सप्ताह में तीन बार बीएसएफ एमआई -17 के माध्यम से ले जाया जाएगा, जिससे आईईडी ब्लास्ट के खतरे को रोका जा सकेगा। यह निर्णय अभी लिया गया है।”

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह सुविधा सैनिकों को कहां तक ​​पहुंचाएगी, लेकिन जम्मू या श्रीनगर हवाईअड्डे तक इसकी संभावना अधिक होगी।

आईईडी और मैग्नेटिक आईईडी से खतरे को देखते हुए जवानों की सुरक्षा के लिए कदम उठाया गया है और यह सड़क मार्ग से काफिले की आवाजाही से बच जाएगा, जो पुलवामा हमले में निशाने पर आया था। यह सेवा सप्ताह में तीन बार दी जाएगी जिसका उपयोग जवानों द्वारा सीआरपीएफ के हेलीकॉप्टर के माध्यम से परिवहन के लिए किया जा सकता है।

 

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