नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली के नरेला औद्योगिक क्षेत्र में बृहस्पतिवार को जूता कारखाना और घरेलू उपकरण का उत्पादन करने वाली फैक्ट्रियों में काम कर रहे 61 बाल मजदूरों को छुड़ाया गया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन एसडीएम और एनजीओ सहयोग केयर की मदद से किया गया। सहयोग ने बताया की छुड़वाए गए बच्चों की उम्र 8 से 17 साल है।
रेस्क्यू के दौरान मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की देखरेख में सभी बच्चों का मेडिकल और कोविड टेस्ट भी कराया गया। इस मौके पर बच्चों को बाल मजदूरी से बचाने वाली संस्था सहयोग केयर के डायरेक्टर शेखर महाजन ने बताया कि यह बच्चे आसपास के राज्यों से लाए जाते हैं और इन फैक्ट्रियों में यह बच्चे काफी लम्बे समय से काम कर रहे थे।
बाल मजदूरों से फैक्ट्री में 12 घंटे कराया जाता था काम
इन बच्चों से फैक्ट्री मालिक द्वारा 12 घंटों से ज्यादा काम कराया जाता था, जिसकी बदले में इन्हें केवल 100-150 रूपये मजदूरी दी जाती थी। इस तरह के शोषण के कारण बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर गहरा असर पड़ता है। सहयोग केयर ने लेबर डिपार्टमेंट और एसडीएम से इन बच्चों के लिए वेतन और मुआवजे की मांग के साथ फैक्ट्रियों को सील करके फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।
रिपोर्ट- प्रदीप